जानिए गन्ना खाने के औषधि गुण क्यों और किन बीमारियों में खाना होता है बेहतर । 7 Sugarcane Benefits For Health
गन्ने के रस में स्वाद के साथ-साथ सेहत भी है. यह आपको कई बीमारियों से सुरक्षित रखने के साथ ही आपकी त्वचा को भी निखारता है.
जानिए गन्ना खाने के औषधि गुण क्यों और किन बीमारियों में खाना होता है बेहतर |
गन्ना एक प्रकार की लंबी घास है यह कई तरह का होता है पतले गन्ने को ईख कहते हैं । ईख से मोटे और साफ रस वाले को गन्ना कहा जाता है । जिसकी मोटाई दो ढाई इंच की लगभग होती है गन्नै और ईख में कुछ कुछ दूरी पर गांठे होती हैं । बीच का हिस्सा छिलका उतारने पर सफेद निकलता है । यह हिस्सा कुछ कठोर पर बहुत ज्यादा रसदार और मीठा होता है ।
लंबी घास के रूप में पैदा होने वाले गन्ने ने संसार के इतिहास को एक नई दिशा दी है गन्ने ने संसार में चीनी देकर मिठास भर दी है । चीनी हमारी दिन-प्रतिदिन का एक विशेष आहार बन चुका है । बहुत सारे देशों में चीनी मिलें चीनी का उत्पादन करती हैं । भारत में अनेक जगहों पर करना काफी तादाद में पैदा होता है । यह सारा गन्ना मीलों द्वारा खरीद लिया जाता है जो चीनी बनाने में काम लिया जाता है, पर बहुत से किसान गन्ने के रस को निकाल कर गुड और खांडसारी आदि घरेलू उद्योग धंधे भी चलाते हैं । इसके अलावा गुड अथवा खांडसारी बनाने में बचा हुआ शीरा अल्कोहल बनाने में भी काम आता है ।
इसबगोल का इस्तेमाल किन किन बीमारियों में राहत पाने के किया जा सकता है
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गुड़ के औषधि गुण निम्नलिखित हैं ।
गर्मियों के दिनों में अनेक लोग गन्ने के रस का उपयोग किस लिए करते हैं कि इससे उनकी प्यास और शरीर की गर्मी शांत होती है गर्मियों के दिनों में गन्ने का ताजा रस पीने से पित्त की समाप्ति होती है और शरीर में स्फूर्ति बनी होती है गन्ने का ताजा रस पीने से लू से बचाव होता है । इस तरह गन्ने का रस शरीर को शांत बनाए रखने में सहायता करता है । गर्मियों के दिनों में गन्ने का ताजा रस पीने और नियमित रूप से घूमने आदि करने से व्यक्ति स्वास्थ्य बना रहता है । गन्ने के रस को भी दूसरे फलों के रस की तरह ही समझना चाहिए पर इसका उपयोग बहुत सोच समझ कर करना आवश्यक है । मधुमेह का शुगर के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए ।
सूखी खांसी
सूखी खांसी में गन्ने का ताजा रस दिन में दो बार पिलाने से लाभ होता है छाती की बेचैनी दूर होती है अगर कफ जमा हो तो धीरे-धीरे बाहर निकलने लगता है और कब शांत हो जाता है
दस्त के साथ खून आना
जिन बच्चों को दस्त के साथ खून आता है उनके माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चे को गन्ने के रस में समान मात्रा में अनार का रस मिलाकर पिलाएं इससे खून का आना बंद हो जाता है और पखाना बंद कर आता है ।
पथरी में आराम मिलता है
जिन लोगों को पथरी हो उन्हें गन्ना चूसने से लाभ होता है । गन्ने का ताजा रस पीने से पेशाब खुलकर आता है । और पथरी खुद ही टुकड़े-टुकड़े होकर बाहर निकलने लगती है ।
पीलिया
पीलिया के रोगी के लिए भी गन्ने का रस पीने से सप्ताह भर के अंदर ही रोक समाप्त हो जाता है । पीलिया के रोगी के लिए यह जरूरी है कि वह सुबह गन्ना नियमित रूप से चूसे । गन्ने के रस के साथ जौ के पानी का प्रयोग करने से पीलिया जल्द ठीक हो जाता है ।
अन्य उपयोग
कुछ लोग यह भली प्रकार से जानते हैं कि जब शरीर में थकावट हो शरीर गिरा गिरा अनुभव करे, तो उस समय कोई मीठी चीज खाने से शरीर में स्फूर्ति पैदा होती है । भोजन करने के बाद गन्ना चूसने से भोजन सरलता पूर्वक पच जाता है । भोजन के सही रूप से पचने पर कब्ज खुद ही खत्म होने लगती है । गन्ने के ताजा रस का प्रयोग करने से दुबले पतले शरीर में नई जान आती है और शरीर धीरे धीरे मोटा होने लगता है इसलिए दुबले पतले बच्चों को और व्यक्तियों को गन्ने का रस सीमित मात्रा में प्रयोग करना लाभदायक सिद्ध होता है ।
गले से बनी गुण का महत्व
चीनी के अलावा गंदे काम महत्वपूर्ण उत्पादन गुण भी है गुरुदेव हमारे भोजन का महत्वपूर्ण अंग बन चुका है इसमें भी अनेक औषधि गुण होते हैं जिन लोगों को बहुत ज्यादा कब्ज रहती है और सर्दी अधिक अनुभव होती है उन्हें दूध जीने की वजह गुड़ के साथ पीना चाहिए इसके अलावा जिन लोगों के खून में विकार रहता हो उन्हें भी चीनी की जगह गुड़ का उपयोग करना चाहिए लेकिन अगर गुड़ का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो रक्त विकार हो जाता है पर फोड़े फुंसी निकल आते हैं ।
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इसलिए जरूरी है कि गुड़ की उचित मात्रा ही प्रयोग में लेनी चाहिए । जिन लोगों के पेट में आफरा रहता है, उन्हें चाहिए कि खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ खा कर दो घूंट पानी पी ले । गांव में रिवाज होता है कि खाना खाने के बाद गुड़ खाया जाता है । इससे अनेक लाभ होते हैं । भोजन के संबंध में यह आवश्यक है कि इसमें खट्टा, मीठा, नमकीन और तीखे स्वाद वाले पदार्थों हो । भोजन में मिठास की कमी को दूर करने के लिए हलवा, पुडिंग, खीर, मीठे चावल आदि का प्रयोग किया जाता है लेकिन सही मात्रा में देखा जाए तो भोजन में मिठास की आपूर्ति का सबसे सरल उपाय यह है कि भोजन करने के बाद 25 ग्राम अच्छा गुड़ खाया जाए । इससे पेट में गैस नहीं बनती । पेट में विकार नष्ट हो जाते हैं । और भोजन जल्दी पच जाता है ।
गुड एंटी एजिंग का भी काम करता है । अगर सोने के समय दूध के साथ गुड़ का प्रयोग किया जाए तो लंबे समय तक जवान बने रह सकते हैं । इससे सर्दी के दिनों में शरीर को गर्म रखा जा सकता है । रात में बार बार उठ कर पेशाब नहीं करना पड़ता और यौन शक्ति को बढ़ाने में भी सहायता मिलती है ।
बहुत से लोगों को सिर का दर्द सूर्य के घटने और बढ़ने के साथ घटता बढ़ता रहता है । अगर वह दूध और दही के साथ गुड़ का प्रयोग करें, तो उन्हें बहुत लाभ होता है ।
सभी जानते हैं कि मेहनत करने से शरीर के कणो की टूट-फूट होती है । अगर उसके साथ नये कण ना बने तो शरीर प्रतिदिन कमजोर होने लगता है । गुड इस कमी को दूर करता है । मजदूर और किसान लोग देखा जाए तो गुड़ और प्याज के साथ रोटी खाते हैं । ऊपर से मट्ठा पीकर शरीर के आवश्यक कैलोरीज की कमी को भी दूर कर लेते हैं ।
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सर्दियों के दिनों में गुड़ के साथ तिल मिलाकर खाने से व्यक्ति जुखाम खांसी से बचा रहता है । ब्रोकाईटीस की शिकायत नहीं रहती । अगर गुड़ के साथ काली मिर्च मिलाकर खाएं तो अधिक लाभ होता है । यदि इसमें पीसी हुई थोड़ी सी सोठ मिला दी जाए । तो सोने पर सुहागा हो जाता है । गर्म दूध के साथ गुड़ खाने से पेशाब खुलकर आता है । जिन्हें पेशाब खुलकर ना आता हो उन्हें दिन में कम से कम 2 बार गर्म दूध के साथ गुड़ का प्रयोग करना चाहिए ।
अन्य सावधानियां
हैजा के दिनों में गन्ने के रस का प्रयोग बहुत सोच समझ कर करना चाहिए । गन्ने का रस हमेशा ताजा निकलवा कर ही पीने से लाभ होता है । गन्ने के रस में अदरक और नींबू का रस मिलाकर पीने से उसको स्वाद भी बढ़ता है और उपयोगिता भी । गन्ने के रस से पेट और दिल की गर्मी शांत होती है । गन्ने का रस ताजा निकाल कर पीने से हानि होने की संभावना नहीं रहती है । गन्ने का रस काफी भारी होता है इसलिए उसे अपनी शक्ति के अनुसार ही पीना चाहिए ।
जानिए गन्ना खाने के औषधि गुण क्यों और किन बीमारियों में खाना होता है बेहतर
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