जानिए अनिद्रा को दूर भगाने के घरेलू नुस्खे, जल्द राहत के लिए अपनाइए
जानिए अनिद्रा को दूर भगाने के घरेलू नुस्खे, जल्द राहत के लिए अपनाइए |
अनिद्रा की परिभाषा
अनिद्रा की कोई परिभाषा देना कठिन है। लेकिन सीधे साधे शब्दों में यह कहा जा सकता है, कि यदि कोई व्यक्ति प्रयत्न करने के बावजूद रात को जो कि नींद का बेहतरीन समय है। सो ना सके और नींद ना आने के कारण चिंतित रहता है। तो समझना चाहिए कि वह नींद ना आने की बीमारी से पीड़ित है।
इसके अलावा कोई व्यक्ति बहुत कम नींद लेता हो, या रात्रि में बार-बार जग जाता हो या सोने में असुविधा महसूस करता हो अथवा बहुत सुबह नींद खुलने के बाद सो नहीं सकता हो, तो वह इनसोमेनिया की बीमारी से पीड़ित माना जा सकता है।
चिकित्सा विज्ञान के अनुसार इनसोमेनिया के कई कारण हो सकते हैं। जैसे- बहुत तीव्र दर्द, अस्थमा, पुरानी खांसी, सुविधाजनक हड्डी प्लास्टर आदि। यदि किसी व्यक्ति को इन कारणों से नींद नहीं आती, तो उक्त बीमारियों का इलाज कर अनिद्रा से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को अनिद्रा का उक्त कारण अर्थात शारीरिक कारण नहीं है। तो वह मनोवैज्ञानिक विकृति जैसे- रिस्टलेसनेस ऑफ मेनिया, नॉन कोलिया या आकुलता डिप्रेशन की स्थित में ग्रस्त हो सकता है। ऐसे व्यक्ति को किसी कुशल मनोवैज्ञानिक की सलाह लेना चाहिए।
अनिद्रा क्यों व कैसे?
अनिद्रा के कई कारण है।प्रसिद्ध अमेरिकी मनोचिकित्सक डॉक्टर एंथोनी वेल्स के अनुसार, इसके अधिकांश कारण मनोवैज्ञानिक है। शारीरिक परेशानियां भी सोने में व्यवधान उपस्थित करती है।
अनिद्रा के मानसिक कारण
ईर्ष्या, द्वेष ,आकांक्षा, भय, चिंता, वियोग मिलन की प्रतीक्षा, अत्यधिक उत्तेजना, क्रोध इत्यादि है।शारीरिक कारणों में कब्ज, अपच, भूखे पेट रहना तथा चाय, कॉफी, धूम्रपान अधिक करना एवं मदिरापान इत्यादि आदि हैं।
नींद लाने के उपाय
* अच्छी नींद प्राप्त करने के लिए दवाओं का सहारा लेना अच्छी बात नहीं है। नींद की गोलियां खाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया है। कि पूर्व दिशा में सिर रखकर सोने से शांत एवं सुख में नींद आती है।
* निद्रा के समय से लगभग 3 घंटे पहले ही भोजन कर लेना चाहिए ताकि निद्रा के समय पाचन क्रिया को कम से कम कार्य करना पड़े, जो ऐसा नहीं करते वे अच्छी नींद नहीं ले सकते।
* सोने से पहले शरीर की प्रकृति का व शिक्षाओं को जैसे- शौच, मूत्र इत्यादि को पूरा कर लेना चाहिए। अन्यथा बीच में उठने से नींद में व्यवधान उत्पन्न होता है।
* बिस्तर ना तो अधिक कड़ा ना अधिक नर्म होना चाहिए, मुलायम गद्दे पर सोने से उस समय भले ही आराम मिले, किंतु रात भर ऐसी स्थित में सोने से शरीर में भारीपन हो सकता है।
* सोने का कमरा बहुत ही शांत एवं साफ सुथरा होना चाहिए। कमरे में ताजी हवा आने के लिए खिड़कियां एवं रोशनदान होना चाहिए। रात को बहुत ही मध्यम प्रकाश का बल्ब नीले या हरे रंग का लगाना चाहिए। सोने के कमरे में बेकार की वस्तुएं व बदबूदार समान नहीं होना चाहिए। पलंग साफ सुथरा हो, इस पर साफ चादर हो।
* नींद लाने के लिए नींद की गोलियों का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए। अन्यथा नींद की गोली के अभ्यस्त हो जाने पर स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ता है। गोलियों के स्थान पर प्राकृतिक तरीके अपनाना लाभकारी है।
* रात्रि में सोने से पूर्व ब्रश करना चाहिए। हाथ पैर मुंह धोना चाहिए। शरीर अनुकूलता होने पर स्नान करना चाहिए।
* सोते समय हल्की आवाज में संगीत सुनें हल्की-फुल्की कहानियां एवं कविताएं पत्र पत्रिकाएं पढ़ने से नींद शीघ्र आ जाती है।
* धूम्रपान या मदिरापान नहीं करना चाहिए। धूम्रपान करने से पाचन क्रिया पर असर पड़ता है। इसी प्रकार चाय अथवा कॉफी अधिक मात्रा में पीने से नींद ना आने की शिकायत हो सकती है।
* अनिद्रा से बचने के लिए दिन चार्य को नियमित किया जाना चाहिए। प्रतिदिन प्रायः नियमित समय पर बिस्तर छोड़ देना चाहिए। बिस्तर में हो जाने से पूर्व तनाव पूर्ण वातावरण से बचना चाहिए।
* नियमित व्यायाम भी नींद लाने में सहायक होता है। प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। सायंकाल के समय तीन-चार किलोमीटर घूमना चाहिए, क्योंकि थकान आने से गहरी नींद आती है। दिन में नहीं सोना चाहिए। हां, गर्मी में कुछ समय दिन में विश्राम करना चाहिए।
* सोने के समय हल्के कपड़े पहन कर सोए। बिस्तर पर लेट कर संपूर्ण शरीर को आराम दें। पीठ के बल ना लेटें करवट के बल सोने।
* जब पेट भरा होता है। और खाए हुए आहार का पाचन हो रहा होता है। तभी अच्छी नींद आती है। अर्थात नींद के लिए भरा हुआ पेट होना चाहिए। अतः खाली पेट नहीं सोना चाहिए। सोते समय एक गिलास गर्म दूध पीना चाहिए चाहिए।
* सोने से पहले शरीर की प्रकृति का व शिक्षाओं को जैसे शौच मूत्र इत्यादि को पूरा कर लेना चाहिए अन्यथा बीच में उठने से नींद में व्यवधान उत्पन्न होता है।
* बिस्तर ना तो अधिक कड़ा ना अधिक गर्म होना चाहिए मुलायम गधे पर सोने से उस समय भले ही आराम मिले किंतु रात भर ऐसी स्थित में सोने से शरीर में भारीपन हो सकता है।
* सोने का कमरा बहुत ही शांत एवं साफ सुथरा होना चाहिए कमरे में ताजी हवा आने के लिए खिड़कियां एवं रोशनदान होना चाहिए रात को बहुत ही मध्यम प्रकाश का बल्ब नीले या हरे रंग का लगाना चाहिए सोने के कमरे में बेकार की वस्तुएं व बदबूदार समान नहीं होना चाहिए पलंग साफ सुथरा हो इस पर साफ चादर हो।
* नींद लाने के लिए नींद की गोलियों का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए अन्यथा नींद की गोली के अभ्यस्त हो जाने पर स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ता है गोलियों के स्थान पर प्राकृतिक तरीके अपनाना लाभकारी है रात्रि में सोने से पूर्व ब्रश करना चाहिए।
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* रात्रि में सोने से पूर्व ब्रश करना चाहिए हाथ पैर मुंह धोना चाहिए शरीर अनुकूलता होने पर स्नान करना चाहिए।
* सोते समय हल्की आवाज में संगीत सुनें हल्की-फुल्की कहानियां एवं कविताएं पत्र पत्रिकाएं पढ़ने से नींद शीघ्र आ जाती है।
* धूम्रपान या मदिरापान नहीं करना चाहिए धूम्रपान करने से पाचन क्रिया पर असर पड़ता है इसी प्रकार चाय अथवा कॉफी अधिक मात्रा में पीने से नींद ना आने की शिकायत हो सकती है।
* अनिद्रा से बचने के लिए दिनचार्य को नियमित किया जाना चाहिए | प्रतिदिन प्रायः नियमित समय पर बिस्तर छोड़ देना चाहिए बिस्तर में हो जाने से पूर्व तनाव पूर्ण वातावरण से बचना चाहिए।
* नियमित व्यायाम भी नींद लाने में सहायक होता है प्रतिदिन नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए सायं काल के समय तीन-चार किलोमीटर घूमना चाहिए क्योंकि थकान आने से गहरी नींद आती है दिन में नहीं सोना चाहिए हां गर्मी में कुछ समय दिन में विश्राम करना चाहिए।
* पैर हाथ के तलवों में सरसों के तेल की मालिक एवं सिर में थोड़ा सा चमेली का तेल लगाकर मालिश करना चाहिए।
* रात को सोते समय एक सेब का मुरब्बा खाकर गर्म दूध में 1 माह तक।
* दही भी अनिद्रा मे पहुंचाता है। रोगी को चाहिए कि पर्याप्त मात्रा में दही लेकर सिर पर मालिश करवाएं, इससे नींद जल्दी आ जाती है। गर्मी के दिनों में भोजन के साथ दही का इस्तेमाल करना भी लाभप्रद होता है।
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