बवासीर क्या है || बवासीर के घरेलू उपचार क्या है || How to Cure Piles Permanently at home
How to Cure Piles Permanently at Home |
बवासीर आज भी पेट के रोगों में शामिल है। यह प्रय: अशुद्ध आहार-विहार तथा वातावरण के कारण उत्पन्न होते हैं। बवासीर रोग (How to Cure Piles Permanently at home) में गुदा में मस्से निकल आते हैं। जो पेट की शुष्कता बढ़ाने पर पैदा होते हैं। गुर्दे में पथरी होने का मूत्र आने में परेशानी होती हैं। यदि इस पर शुरू में ही ध्यान दिया जाए तो भयंकर कष्टों में बचा जा सकता है। अल्सर रोग में आंतों में घाव हो जाते हैं। जो कब्ज अपच एवं अमृत आज के दुष्परिणाम स्वरूप होते हैं। जलोदर रोग में पेट में पानी इकट्ठा होकर पाचन संबंधी अनेक दिक्कतें पैदा करता है। या मंदाग्नि एवं अजीर्ण के कारण उत्पन्न होता है।
बवासीर क्या है
बवासीर मुख्यतः दो प्रकार की होती है-
1. खूनी बवासीर और
2. बादी बवासीर।
खूनी बवासीर में मस्से सुर्ख होते हैं। और उनसे खून गिरता है। जबकि बादी बवासीर में मस्सों में खाज पीड़ा और सूजन बहुत होती हैं। अतिसार संग्रहणी और बवासीर यह तीनों एक दूसरे को पैदा करने वाले होते हैं।
बवासीर के रोगी को बादी एवं तले पदार्थ नहीं खाने चाहिए। जिनसे पेट में कब्ज की संभावना हो हरी सब्जियों का ज्यादा प्रयोग करना चाहिए। बवासीर से बचने का सबसे सरल उपाय यह है- कि शौच करने के उपरांत जब आप मलद्वार साफ करें तो गुदाद्वार में उंगली डालकर उसे पानी में अच्छी तरह धोएं। इससे कभी बवासीर नहीं होगी।
इसके लिए आवश्यक है, कि मलद्वार में डालने वाली उंगली का नाखून कतई बढ़ा हुआ ना हो। अन्यथा भीतरी मुलायम खाल में जख्मी होने का खतरा हो सकता है। प्रारंभ में यह उपाय कुछ अटपटा लगता है। पर शीघ्र ही जब आप इसके अभ्यस्त हो जाएंगे। स्वयं को तरो-ताजा महसूस करेंगे ।
Read These Post:-
बवासीर के घरेलू उपचार निम्नलिखित हैं
*जीरे को भूनकर उसमें जरूरत के अनुसार मिश्री मिलाकर मुंह में डालकर चूसें तथा बिना भुने जीरे को पानी के साथ पीसकर बवासीर के मस्सों पर लेप करें इन दोनों विचारों से बवासीर की पीड़ा में निश्चित शांति मिलती है।
* पके केले के को बीच में से चीर कर दो टुकड़ों में ले और उस पर कथा पीसकर थोड़ा थोड़ा बुराक दें। इसके बाद केले के उन टुकड़ों को खुली जगह पर आसमान के नीचे रख दें। सुबह होने पर उन टुकड़ों का सेवन करें एक हफ्ते में कैसी भी बवासीर हो नष्ट हो जाएगी।
* छोटी पीपली का चूर्ण शहद के साथ लेने पर बवासीर के रोगी को आराम मिलता है।
* एक या डेढ़ चम्मच आंवले का चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ लेने पर बवासीर में लाभ पहुंचता है। इससे पेट के अन्य रोगों का भी अंत हो जाता है।
* खूनी बवासीर में नींबू को बीच से चीर कर उस पर 4 ग्राम कथा पीस कर रख दें। और उसे रात में छत पर रख दें सुबह दोनों टुकड़ों को चूस लें। यह प्रयोग 5 दिन करें। खूनी बवासीर के लिए या उत्तम घरेलू दवा है।
*50 ग्राम रीठे तवा पर रखकर कटोरी में ढक दें। और तवे के नीचे आग जला दें। 1 घंटे में रीठे जल जाएंगे। ठंडा होने पर रखो को खरल कर ले। यह सिल पर बारीक पीस के इसके बाद सफेद कथ्थॆ का चूर्ण 20 ग्राम और कुश्ता। फौलाद 3 ग्राम लेकर उसमें रीठे। 20 ग्राम भस्म मिला दे। उसे सुबह शाम एक 1 ग्राम मक्खन के साथ खाएं। ऊपर से गर्म दूध भी पी ले। दोनों ही प्रकार के बवासीर में 10- 15 दिनों में आराम आ जाएगा। गुड, गोश्त, शराब, आम एवं अंगूर का परहेज करें।
Buy Organic Reetha (1 KG) Herbal Soap Nuts/Raw Reetha/Aritha
Buy Organic Reetha (1 KG) Herbal Soap Nuts/Raw Reetha/Aritha
* खूनी बवासीर में गेंदे के हरे पत्तों को 9 ग्राम काली मिर्च के 5 दाने और कुंजा मिश्री 10 ग्राम लेकर 60 ग्राम पानी में पीसकर मिला दें। दिन में 1 बार 4 दिन तक इस पानी को पिए। गर्म चीजें ना खाएं। खूनी बवासीर ठीक हो जाएगी।
* हरसिंगार के फूल 3 ग्राम कालीमिर्च एवं 1 ग्राम और पुली पीपल 1 ग्राम सभी को पीसकर उसका चूर्ण जलेबी की 50 ग्राम चासनी में मिला दे। रात को सोते समय 5 दिन तक इसे खाएं। यह खूनी बवासीर का शर्तिया इलाज है। मगर ध्यान रहे कि कब्ज ना होने दें।
* नागकेसर मिश्री और लोनी कि इन तीनों का संभाग लेकर रोज प्रातः काल खाएं या खूनी बाबासीर का श्रेष्ठ इलाज है। इसे कम से कम 8 दिन तक ले एक बार की खुराक में 6 माह से की मात्रा खाएं।
* जंगली गोभी की तरकारी में पकाकर उसमें सेंधा नमक डालें इस तरकारी को रोटी के साथ 8 दिन खाएं। इसे खाने से हर तरह की बवासीर नष्ट हो जाती है।
* कमल केशर तीन मासे नागेश्वर 3 मासे शहद 3 मासे चीनी 3 मासे और मक्खन छ: से इन सब को मिलाकर रोज खाने से खूनी बवासीर नष्ट होती है।
* कमल का हरा पत्ता पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर खाएं बवासीर का खून आना तत्काल बंद हो जाएगा।
* प्रतिदिन दही और मट्ठा पीने से बवासीर खत्म हो जाती है।
* प्याज के चूजे छोटे-छोटे टुकड़े करके धूप में सुखा लें। सूखे टुकड़ों में से एक तोला प्याज लेकर घी में तली बाद में एक मासा तिल और दो तोले मिस्ट्री उस में मिलाकर रोज सुबह खाएं। यह भी बवासीर का शर्तिया इलाज है।
* कड़वी नीम के पके हुए फलों का गूदा 3 माह से और गुड़ 6 माह से दोनों को मिलाकर रोज 7 दिन तक प्रयोग करें बवासीर में निश्चय ही आराम मिलेगा।
Buy Go Organic Organic Neem Leaves Powder (Azardirachta Indica) - 227 gm - 100% Organic Certified by USDA NOP Organic (227)
Buy Go Organic Organic Neem Leaves Powder (Azardirachta Indica) - 227 gm - 100% Organic Certified by USDA NOP Organic (227)
* मूली का नियमित सेवन दोनों बवासीर को ठीक कर देता है।
* इमली के बीजों को छिलका हटाकर तवे पर भून कर पीस लें एक चम्मच चूर्ण और एक कप ताजा जमा हुआ दही दोनों को मिलाकर प्रातकाल खाली पेट सेवन करने से आराम मिलता है।
*खूनी बवासीर में 3 ग्राम रसोद का चूर्ण पानी के साथ खिलाए दो तीन खुराक में ही खून आना बंद हो जाता है। (Triguni Herbal Bavasir Buti Fast Relief Hemorrhoid Support Piles - 30 Doses)
* प्रभार के चौड़े पत्ते पीसकर रस निकालें और उसमे 50 ग्राम बुरा मिलाकर प्रातः काल खाली पेट में खूनी बवासीर दूर हो जाएगी।
* प्रतिदिन गाजर का रस पीने या गाजर चबाकर खाने से बवासीर खत्म हो जाती है।बवासीर क्या है |
0 Comments