Kapol Shakti Vikasak Kriya Benefits in Hindi – सूक्ष्म यौगिक क्रिया – कपोल शक्ति विकासक क्रिया
विधि :
- कपोल शक्ति विकासक क्रिया करने के लिए समावस्था में खड़े रहें।
- हाथों की अंगुलियों को परस्पर मिलायें अंगूठे से नाक बन्द करें।
- गर्दन को ऊपर ले जायें।
- मुँह को कांक चोंच की तरह बनायें जिस तरह सीटी बजाते हैं।
- अब आठ अंक मन में गिनते हुए मुँह से श्वास अंदर खीचें तुरन्त मुख को बंद करें।
- गालों को फुलायें। नेत्र बन्द रखें ठुड्डी , कण्ठकृप से लगाएँ।
- 32 अंक तक मन में गिनते हुए श्वास को रोकें तत्पश्चात गर्दन सीधी कर अँगूठा हटाकर सोलह अंक तक मन में गिनते हुए नाक से स बाहर छोड़ें।
- श्वास रोकते समय कनिष्ठिका सीने पर रखें।
- दोनों हाथ को कंधों के सीध में रखें
- क्रिया को तीन बार दोहराएँ।
लाभ :
कपोल शक्ति विकासक क्रिया
- साधक दीर्घायु बनता है।
- प्यास शांत होती है।
- मुख के रोग दूर होते हैं।
- दाँत पुष्ट बनते हैं और मुख की दुर्गंध दूर होती है।
- मुख प्रफुल्लित होकर गालों की झुर्रियाँ, चेहरे के फोड़े, फुन्सियाँ ठीक होते हैं।
- सौन्दर्य प्रसाधनों की आवश्यकता नहीं होती है।
- सिर दर्द, नेत्र दोष, पेट की गर्मी, बालों का पकना, झड़ना आदि विकार ठीक होते हैं।
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