बर्कशायर हैथअवे इंक के मालिक वारेन बफेट की सफलता के राज || 5 Secrets of Warren Buffett's Success

बर्कशायर हैथअवे इंक  के मालिक वारेन बफेट की सफलता के राज || 5 Secrets of Warren Buffett’s Success

असाधारण परिणाम पाने के लिए असाधारण चीजें करना जरूरी नहीं होता 



यह कहना है वारेन बफेट का इस पोस्ट में हम जानेंगे वारेन बफे़ के बारे में, वो  कौन है।  उन्होंने इतनी सफलता हासिल कैसे कर ली। उनकी सफलता के मंत्र क्या है। और उनकी कंपनी बर्कशायर हैथअवे मल्टीनेशनल कंपनी कैसे बनीः-

बर्कशायर हैथअवे इंक एक अमेरिकी मल्टीनेशनल होल्डिंग कंपनी है। जिसका मुख्यालय ओमाहा अमेरिका में है। इसके पास कई बीमा सेवा रिटेलिंग ऊर्जा और यूटिलिटी कंपनियों का स्वामित्व है। कंपनी को मुख्यतः निवेश कंपनी के रूप में जाना जाता है। जिसकी कोका कोला और अमेरिकन एक्सप्रेस जैसी दिग्गज कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी है। यह अमेरिका के साथ में सबसे बड़ी कंपनी है। वारेन बफे़ बर्कशायर हैथअवे के सीईओ है।




न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का सबसे महंगा शेयरः 2 मई 2012 को वर्क शायर के क्लास ए शेयर का भाव 1,21,775 डॉलर था। और यह न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का सबसे महंगा शेयर था। 2011 में कंपनी की कुल आमदनी 143. 688 अरब डॉलर थी। और इसे 10. 254 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ था ।बर्कशायर हैथअवे  में कुल 2,60,000 कर्मचारी काम करते हैं। लेकिन निवेश विभाग के केवल 20  पूर्णकालिक कर्मचारी काम करते हैं।

कंपनी की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि अगर किसी ने 1965 में बर्कशायर हैथामअवे में $10000 का निवेश किया होता, तो सन 2000 तक उसे $50000000 का लाभ हुआ होता।

 संसार के तीसरे सबसे अमीर व्यक्तिः




आखिर बफ़े ने  जादू की ऐसी कौन सी छड़ी लहराई जिससे बर्कशायर हैथअवे कंपनी दिवालियापन की कगार से उबरकर इतनी सफल कंपनी बन गई। बफे़ की सफलता के लिए कौन से मंत्र हैं। जिनकी बदौलत आज भी संसार के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। और उनके पास 44 अरब डालर की संपत्ति है। वे संसार के सबसे बड़े और सफल निवेशक कैसे बने उनकी सफलता का राज क्या है।

 बचपन के सबकः

वॉरेन बफे़ जन्म 1930 मे हुआ । बचपन से ही मेहनत का सबक सीख लिए थे। वह बचपन से ही पैसे कमाने लगे थे। वे घर घर जाकर च्युइंग ग़म, कोका कोला और सप्ताहिक पत्रिकाएं बेचते  थे।  कुछ समय तक उन्होंने अपने दादा जी के किराना स्टोर में भी काम किया। अखबार बांटने के अलावा में सोडा पॉप बेचने और पिन ब्लॉक मशीन लगाने जैसे कई दूसरे धन्धे भी करते थे। उनके व्यवसायिक  प्रयत्नों से उन्हें नियमित आमदनी होती थी। जिसका उसे दोबारा निवेश करके नए व्यवसाय शुरू करते थे।

हाई स्कूल में पढ़ते वक्त वॉरेन बफे़ ने एक मित्र के साथ एक पिनबॉल मशीन खरीदी। उससे भी कमाई से उन्होंने नई मशीन खरीदी और इस तरह उन्होंने आठ मशीनें कर ली। जब उन्होंने अपना कारोबार बेचा तो मिलने वाले पैसों से उन्होंने नया बिजनेस शुरू किया। इस तरह 26 वर्ष की उम्र तक इन्होंने 174000 $ इकट्ठे कर लिए थे।

11 वर्ष की उम्र से ही शेयर बाजार मेंः

उल्लेखनीय बात यह है, कि मात्र 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना पहला इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया था। अपनी वेबसाइट से होने वाली आमदनी को  बफे ने खर्च नहीं किया। बल्कि 14 साल की उम्र में ही 40 एकड़ खेती की जमीन खरीद ली। और उसे किराए पर उठाकर हर साल लाभ कमाने लगे। शेयर बाजार का अनुभव उन्होंने बचपन में ही हो गया था ।

11 वर्ष की उम्र में बफै ने अपना पहला शेयर खरीदा तब उन्होंने 28 डॉलर के भाव पर सिटी सर्विस के 3 शेयर खरीदे थे। यह शेयर बाजार में उनका पहला कदम था। उस वक्त कौन जानता था, कि आगे चलकर वे शेयर बाजार में इतना नाम कमाएंगे, कि संसार के सबसे महान निवेशक बन जाएंगे।



 महत्वपूर्ण मोड़

वारेन बफे़ की जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया। जब वे कोलंबिया यूनिवर्सिटी में बेजामिन ग्राहम के शिष्य बने। बेंजामिन ग्राहम शेयर बाजार के प्रख्यात विशेषज्ञ थे। वे मूल्यगत निवेश नीति के प्रवर्तक थे। और वॉरेन बफे उनके पुस्तक द् इंटेलीजेंट इन्वेस्टर से बहुत प्रभावित थे। इस बारे में बफे का कहना है, खुशकिस्मती से मुझे हावर्ड में दाखिला नहीं मिल पाया। जिसका मतलब था, कि मुझे कोलंबिया में बैंन ग्राहम से पढ़ने का मौका मिल गया। जिससे मेरी जिंदगी बदल गई । सभी कुछ अच्छा हुआ इसलिए मुझे उम्मीद है, कि मेरी खुशकिस्मती का सिलसिला आगे भी चलता रहेगा मैं 80 साल से खुशकिस्मत रहा हूँ।

 नायाब विचारः

वॉरेन बफे़ जब बेंजामिन ग्राहक के शिष्य थे। तो उनके मत में मूल्यगत निवेश करने का विचार आया । उनमें शेयर बाजार का ज्ञान था। और बहुत से लोग उनसे सलाह लेने आया करते थे। 1 दिन में बफे़ के मन में एक विचार आया, क्यों ना पैसे वाले लोगों के साथ एक पार्टनरशिप की जाए, जिसके तहत उनके पैसे को बफे शेयर बाजार में लगाएं और मुनाफे से हिस्सेदारी करें । इसमें लोग अपना पैसा बफे को दे देते थे। और बफे अपनी चुनी हुई कंपनियों में उनके पैसे का निवेश कर देते थे। 4% से ज्यादा जितना भी लाभ होता था वो फिर उसमें से 25% अपनी फीस के रूप में रख लेते और बाकी का मुनाफा पैसे लगाने वालों को दे देते थे। यह पार्टनरशिप पहले दोस्तों से शुरू हुई, लेकिन बाद में अपरिचित लोग भी बफे़ के निवेश करने से लाभ उठाने के लिए आने लगे।



 कंपनी की स्थापना

टेक्सटाइल कंपनी बर्कशायर हैथअवे की स्थापना 1839 में ही हो चुकी थी। वारेन बफेट ने तो 1962 में उसे खरीदा था। दरअसल बफे़ ने सीधे उस कंपनी को नहीं खरीदा था। वे तो निवेश करने के लिए उसके शेयर खरीद रहे थे। मगर अन्ततः बफे़ ने इतने सारे शेयर खरीद लिया कि अंततः वे कंपनी के मालिक बन गए। हालांकि उस वक्त टैक्सटाइल व्यवसाय ढलान पर था।

सुरुआती संघर्षः

2010 में बसे ने दावा किया था। कि बर्कशायर हैथअवे को खरीदना उनके जीवन की सबसे बड़ी निवेश भूल थी।  यदि उस पैसे का निवेश बीमा कंपनियों को खरीदने में करते तो उन्हें कई गुना अधिक लाभ होता। 1962 में कंपनी का स्वामित्व आ जाने के बाद बफे़ ने  टेक्सटाइल उद्योग में प्रगति के प्रयास किए। लेकिन 1962 में कंपनी के माध्यम से बीमा उद्योग और अन्य निवेश किए 1985 के वर्क शायर हैथअवे का टेक्सटाइल कारोबार बंद हो गया और यह होल्डिंग कंपनी बन गई।

 सफलता के मंत्र

1- दूरदर्शिता रखे-




वॉरेन बफे़ कहते हैं, मैं कभी शेयर बाजार में पैसे कमाने की कोशिश नहीं करता हूं। मैं कोई भी शेयर यह मानकर खरीदता हूं, कि शेयर बाजार अगले दिन बंद हो जाएगा। और 5 साल तक नहीं खुलेगा दूरदर्शिता का यह सब गुन बचपन से ही मिल गया था। 11 साल की उम्र में उन्होंने ,एक कंपनी के 3 शेयर $28 के भाव में खरीदी है। लेकिन उसका भाव गिरकर $27 तक आ गया। बाद में जब भाव बढ़कर $40 हुआ, तो  बफे़ ने शेेय बेच दी।

जिस से उन्हें ब्रोकरेज के बाद $5 का फायदा हुआ। लेकिन उसके बाद जो हुआ उसे वॉरेन बफे़ नहीं भूल पाए। उसके बाद उस शेयर का भाव $200 तक ऊपर गया। यह देख कर वो फिर बहुत पछताया। इस घटना से बफे़ ने दो बातें सीखी पहली  कि वह अच्छी कंपनियां चुन सकते हैं। और दूसरी यह भी की अच्छी कंपनियों के मामले में दूरगामी दृष्टकोण और ज्यादा लाभदायक होता है। दीर्घकालीन निवेश और दूरदर्शिता के कारण ही वॉरेन बफे़ को आज संसार का महानतम विशेषक कहा जाता है।

वारेन बफे़ शेयर खरीदते समय 10 मिनट के बारे में नहीं बल्कि 10 साल के बारे में सोचते हैं, वह तात्कालिक लाभ के बजाय दूरगामी लाभ पर ध्यान केंद्रित करते हैं। एक बार किसी ने बफे़ से पूछा था,आप अपने शेयर बेचने के लिए कितने लंबे समय तक का इंतजार करेंगे? इस पर उनका जवाब था, अगर कंपनी सही है तो अनंत काल तक इंतजार करेंगे।



2- किफायत से चले

जिस व्यक्ति को वर्तमान युग का सबसे सफल निवेशक माना जाता है। वह आज भी उसी पुराने मकान में रहते हैं। जिसमें वह अमीर बनने से पहले रहते थे, कुछ समय पहले तक वह अपनी पुरानी कार में ही घूमते थे।

2008 में उनकी वार्षिक तनख्वाह केवल $100000 थी, जो इतनी बड़ी कंपनी के सीईओ के लिहाज के काफी कम थी। वॉरेन बफे़ इतने मितव्यई है। कि लोग उन की किफायत देखकर हैरान हो जाते हैं। उनकी किफायत से कई किस्से लोकप्रिय है। कहा जाता है, कि अगर सड़क पर उन्हें कोई सिक्का गिरा दिख जाए तो वे उठाने में संकोच नहीं करेंगे।

3- मेहनत करें

मेहनत के बिना शिखर पर पहुंचना संभव नहीं है। यह बात वॉरेन बफे़ पर ही नहीं हर एक पर लागू होती है। एक बार वारेन बफे़ ने किसी से पूछा कि वह निवेश में इतने सफल कैसे बने इस पर उनका जवाब था। हम हर साल हजारों एन्युअल रिपोर्ट्स पढ़ते हैं।



एक एन्युअल रिपोर्ट यानी औसतन 100 पेज का जटिल दस्तावेज इसका मतलब है, कि हर साल बफे़ लाखो पेज को पेश पढ़ते हैं। उनका अर्थ समझते हैं, और उनके आधार पर निवेश के निर्णय लेते थे, दिन रात कंपनियों की बैलेंस शीट और एन्युअल रिपोर्ट पढ़ना उनकी हॉबी बन गई अपने गहन विश्लेषण और ठोस निवेश नीति के दम पर उन्होंने अकेले ही अपनी कंपनी बर्कशायर हैथअवे को फॉर्चून 500 में ला खड़ा किया है।

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4-  अंधेरे में तीर ना चलाएं

बफे़ ने कहा है, कभी किसी ऐसे व्यवसाय में निवेश ना करें जिसे आप समझ ना सकते हो। बफे उन कंपनियों में निवेश नहीं करते है। जिसके भविष्य के बारे में भी सटीक अनुमान नहीं लगा सकते। यही कारण है, कि जब सारी दुनिया के शेयर बाजार विशेषज्ञ कंप्यूटर कंपनियों के शेयर खरीद रहे थे। या उन्हें खरीदने की सलाह दे रहे थे। तब भी बफे़ ने इस कंपनियों के शेयरों को हाथ नहीं लगाया । उनका मानना था, कि वे नई कंप्यूटर कंपनियों के आमदनी का सटीक अनुमान नहीं लगा सकते। इसलिए उन्होंने किसी टेक्नोलॉजी कंपनी में निवेश नहीं किया। इसी वजह से वारेन बफे़ ने अपने मित्र बिल गेट्स की कंपनी में निवेश नहीं किया। सही बात है, कि बफे़ टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते थे।

आजकल के बच्चे भी चौबीसों घंटे सेलफोन में लगे रहते हैं। लेकिन वॉरेन बफे सेल फोन का इस्तेमाल केवल यात्रा करते समय ही करते हैं। और तो और उनके ऑफिस में कंप्यूटर तक नहीं है। बहरहाल हाई टेक शेयर्स से दूर रहने वाले वारेन बफे़ ने 2011 में पहली बार किसी टेक्नोलॉजी कंपनी के शेयर खरीदा। जब उन्होंने 11 अरब डॉलर में आईबीएम के 6.4 करोड़ शेयर(5.5% हिस्सेदारी) खरीदें।



5- सुरक्षित फासले की न्यूज़ अपनाएं

बफे़ का एक कोटेशन इन सभी निवेशको के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पहला नियम कभी पैसा मत गंवाओ, दूसरा नियम कभी पहले नियम को मत भूलो, ग्राहम का मूल मंत्र है, आसान भाषा में सुरक्षित फासले का मतलब यह है, कि कंपनी के शेयर का भाव कंपनी के वास्तविक मूल्य से काफी कम हो और दोनों में काफी फासला हो ।

बफे़ के अनुसार दोनों के बीच बहुत बड़ा फासला होना चाहिए। आपका लक्ष्य ₹1 का नोट खरीदना होना चाहिए। जो बाजार में 40 पैसे का भाव में बिक रहा हो, बफे कहते हैं, कि अगर आप 30,000 पौंड सह  सकने लायक पुल पर 10,000 पौंड भार का ट्रक ले जाते हैं तो आपके पास काफी सुरक्षित फासला होता है। जब आपके पास इतना बड़ा सुरक्षित फासला हो। तो फिर चिंता की कोई बात नहीं बफे कहते हैं, अगर कोई कंपनी अच्छा काम कर रही है, तो उसके शेयर का भाव अंततः अवश्य बढ़ेगा।।,

बर्कशायर हैथअवे इंक  के मालिक वारेन बफेट की सफलता के राज || 5 Secrets of Warren Buffett’s Success

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