आम खाने के चमत्कारी फायदे और इसके विभिन्न उपयोग क्या है
आम को फलों का राजा कहा जाता है। उनके अनेक किस्में होती हैं। और अनेक उष्णकटिबंधीय स्थानों में पैदा होता है। आम पैदा करने वाले देशों में भारत का पहला स्थान है। आम की कुछ किसमे ऐसी होती हैं । जिनमे रेशा बहुत अधिक होता है। परंतु बहुत ही महत्वपूर्ण किसनमे ऐसी भी हैं। जिनमे रेसे बहुत कम और बहुत अधिक स्वादिष्ट गुर्दे की अधिकता होती हैं। आम की कुछ किसमें ऐसी भी होती हैं। जो चूसने के काम आती हैं। आम के फल के अंदर बहुत मोटी गुठली होती है। आम का पौधा सदा हरा भरा रहता है।
आम खाने के चमत्कारी फायदे और इसके विभिन्न उपयोग क्या है |
आम के वृक्ष की विशेषताएं क्या है
इसका प्रत्येक भाग मनुष्य के उपयोग में आता है। शुभ कार्य के समय आम के पत्तों की बंदनवार बनाई जाती है। आम का फल कच्चे और पके दोनों रूपों में अनेक प्रकार से प्रयोग में आता है। आम के वृक्ष की टहनियां और लकड़ियां हवन के लिए समिधाओं का काम देती हैं। आम के वृक्ष की लकड़ी अनेक कामो के प्रयोग में आती है।
आम की बौर के साथ रितु ओं का ऐसा परिवर्तन जुड़ा है की संस्कृत कवियों ने उस पर बहुत कुछ लिखा आम का अस्त्र आम्र मंजरी भावनाओं की उच्चतम अभिव्यक्ति का प्रतीक है या जिस के आगमन की सुगंध से मन उत्साहित और उत्तेजित हो उठता है । आम को संस्कृत में रसाल भी कहा गया है, अर्थात रसों का घर सभी फलों का मिश्रित रूप होता है इसके रस में।
आम से संबंधित भारतीय इतिहास
राजा ने सोचा जिस प्रिय नारी का मैं चिंतन करता हूं वह मुझसे विभक्त है और किसी दूसरे मनुष्य को चाहती है वह मनुष्य भी उससे विरक्त है वह भी किसी अन्य स्त्री से प्रेम करता है । और मेरे लिए किसी दूसरी स्त्री के हृदय में प्रसन्नता अनुभव होती हैं कामदेव ये कितनी विडंबना है
इसके बाद की घटना बहुत लंबी है परंतु अंत में राजा को वैराग्य हो गया और सब कुछ छोड़ कर वह भगवान की शक्ति में लीन हो गये।
विटामिन से भरपूर
आम प्रत्येक स्थिति में चाहे वह कच्चा हो या पक्का हुआ प्रयोग में आता है। कच्चे आम में स्टार्स की अधिकता होती है। वह धीरे धीरे ग्लूकोज के रूप में बदलती जाती है। आम में नमी के बाद सबसे अधिक प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट का होता है। विटामिन सी काफी मात्रा में होती है। विटामिन बी कंपलेक्स की भी कुछ मात्रा रहती है । पका हुआ आम पर आया बहुत शक्ति देने वाला होता है ।आयुर्वेद में आम्र कल्प का विधान है, जिसमें प्रतिदिन केवल आम और दूध का भोजन किया जाता है। और कोई चीज नहीं ली जाती ,इससे शरीर के प्रत्येक कण का नव निर्माण होता है।
लू और धूप से बचने के लिये
लू अथवा धूप से बचने के लिए कच्चे आम को आग में भूनकर अथवा पानी में उबालकर उसका पना बनाया जाता है। इससे धूप और गर्मी का असर दूर होता है। पानी में चीनी अथवा गुण और भुना हुआ जीरा तथा काला नमक मिलाकर खाने अथवा शरबत के रूप में पीने से धूप अथवा गर्मी का असर समाप्त हो जाता है।
दुर्बलता
किसी रोग अथवा अन्य कारणों से जब मनुष्य दुर्बल होने लगता है और उसके शरीर का भार कम होने लगता है, आम और दूध का प्रयोग करने से शरीर में शर्करा की कमी पूरी होती है और शरीर बलवान बनता है वर्ष में एक बार कुछ दिन तक आम और दूध का पूजन करने से शरीर पुष्ट होता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट विटामिन सी के अतिरिक्त कैल्शियम और फास्फोरस और आयरन आदि खनिज भी रहते हैं इनसे शरीर की पुष्ट होता है उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
आम और दूध
आंखों के रोग
तपेदिक के रोगी को लाभ होता है
मधुमेह
दिमाग की कमजोरी में
दिमाग की कमजोरी के लिए एक कप आम का रस थोड़ा दूध और एक चम्मच अदरक का रस तथा चीनी मिलाकर पीने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है। दिमाग की कमजोरी के कारण सिर दर्द रहना और उसके कारण आंखों के आगे अंधेरा छाना दूर होता है। इससे शरीर एक व्यक्ति भी साफ होता है। रक्त की शुद्धि के कारण शरीर स्वस्थ रहता है। आम के रस का प्रयोग करने वाले के मुख पर एक विशेष प्रकार की क्रांति झलकने लगती है।
पेट के रोगों में
आम पेट के रोगों में भी लाभ करता है।आम की गुठली को सुखाकर उसका चूर्ण बना लेना चाहिए । गुठली का चूर्ण डेढ़ से 2 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लेने से दस्त दूर हो जाते हैं।
आम के रस में थोड़ा दही मिलाकर एक चम्मच अदरक के रस के साथ दिन में तीन बार लेने से दस्त अपच और बवासीर में लाभ होता है।
एक ऐसा फल है जिससे कब्ज प्राकृतिक रूप से दूर होती है ।आम चूस कर दूध पीने से आंखों में एक प्रकार का कोमल लेप सा हो जाता है और झिल्ली में चिपके हुए मल के कड धीरे-धीरे साफ होने लगते हैं।
पित्त के प्रकोप में
कच्चे आम के प्रयोग से पित्त संबंधी कष्ट दूर होते हैं ।कच्चे आम के खाने से आतो में पाचक रस पैदा होता है।।शहद और काली मिर्च के साथ कच्चे आम का प्रयोग करने से पित्त प्रकोप दूर होता है। आम के पेड़ की जड़ वायु और कफ का नाश करती हैं। इसे हाथ पर बांधने से पित्त के कारण आने वाला भी शांत होता है।
अन्य उपयोग
आमचूर
कच्चे आम की छोटी-छोटी अंबियों को काट कर सुखा लिया जाता है आमचूर का उपयोग सभी घरों में मसाले के रूप में किया जाता है इससे अनेक प्रकार के चूर्ण भी बनाए जाते हैं आमचूर की फाक को पीसकर जहरीले जानवर के काटे हुए स्थान पर लगाने से जहर उतर जाता है।
मुरब्बा
आम का मुरब्बा बिना पैसे वाले आम के गूदे से बनाया जाता है, या विशेष रूप से पौष्टिक और भूख को बढ़ाने वाला होता है। आम का मुरब्बा महा रसायन के रूप में काम करता है। इससे दिल और दिमाग को शक्ति मिलती है।
कच्चे आम को चटनी के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है या चटनी बहुत स्वादिष्ट और भूख बढ़ाने वाली होती है आम के मौसम में प्राया सभी घरों में कच्चे आम की चटनी को भोजन करते समय प्रयोग में लाते हैं। इससे भोजन का स्वाद बढ़ जाता है।
आम और दूध के प्रयोग से पेट साफ होने के कारण अनिद्रा रोग के लाभ होता है।
आम का अचार
प्रायः सभी भारतीय आम का अचार खाना पसंद करते हैं आम का अचार कई प्रकार से बनता है। प्रायः सभी सद्-गृहस्थ महिलाएं आम का अचार बनाना जानती हैं।
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