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कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध – Shri Krishna Janmashtami Essay |
कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध- बेहद लोकप्रिय भारतीय सुपरगॉड श्री कृष्णा
‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ हिन्दुओं का एक प्रसिद्द त्यौहार है। यह त्यौहार हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इस वर्ष जन्माष्टमी का त्यौहार 24 अगस्त 2019 के दिन मनाया जायेगा | इसे भगवान् श्री कृष्ण के जन्म दिन के रूप में मनाते हैं।
ऐतिहासिक महत्व
जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी, कृष्णाष्टमी, श्रीजयंती के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र में जन्माष्टमी दही हांडी के लिए विख्यात है। कृष्ण सिर्फ एक शीर्ष हिंदू देवता नहीं हैं, वे एक सच्चे पौराणिक महानायक भी हैं। ‘श्रीकृष्ण जन्माष्टमी’ हिन्दुओं का एक प्रसिद्द त्यौहार है। यह त्यौहार हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। इसे भगवान् श्री कृष्ण के जन्म दिन के रूप में मनाते हैं। जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी, कृष्णाष्टमी, श्रीजयंती के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र में जन्माष्टमी दही हांडी के लिए विख्यात है।
श्रीकृष्ण मथुरा राज्य के सामंत वासुदेव- देवकी की आठवीं संतान थे । एक आकाशवाणी सुनकर कि वासुदेव- देवकी के गर्भ से जन्म लेने वाला बालक ही अत्याचारी और नृशंस राजकुमार कंस की मृत्यु का कारण बनेगा, भयभीत कंस ने उन्हें काल- कोठरी में बंद कर दिया ।
वहां जन्म लेने वाली देवकी की सात संतानों को तो कंस ने मार दिया, लेकिन आठवीं संतान को अपने शुभचिंतकों की सहायता से वासुदेव ने अपने परम मित्र नंद के पास पहुंचा दिया । वहीं नंद, यशोदा की गोद में पला-बढ़ा एवं बाद में मथुरा पहुंच कर कंस का वध करके अपने माता-पिता एवं नाना उग्रसेन को कारागार से मुक्त करवाया ।
कृष्ण जन्माष्टमी पर निबंध – Shri Krishna Janmashtami Essay |
जन्माष्टमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है
जन्माष्टमी का पवित्र त्योहार इन्हीं की पवित्र स्मृति में,इनके किए प्रतिष्ठित कार्यों आदि के प्रति श्रद्धांजलि समर्पित करने के लिए पूरे भारतवर्ष में हिंदू समाज में मनाया जाता है । भगवद गीता में कृष्ण कहते हैं, “जब भी बुराई की प्रधानता होती है और अच्छे कर्मों (धर्म) की गिरावट या कमी होती है, मैं बुराई को समाप्त करने और धर्म (अच्छा) को बचाने के लिए बार-बार पुनर्जन्म लूंगा”।
कृष्ण जयंती शैतान और बुरी शक्ति पर अच्छाई और धर्म की जीत का उत्साह है। हम इस दिन को यह याद करने के लिए मनाते हैं कि जब पाप का घड़ा भर जाएगा, तो शैतान का अंत होगा, भगवान बचाव के लिए इस धरती पर आएंगे। कृष्ण जन्मस्थली हमें अच्छे और बुरे के बीच लड़ाई की उन कहानियों की याद दिलाती है और हमें बताती है कि अच्छाई हमेशा जीतती है।
भगवान का अवतार:
भगवान विष्णु ने एक मनुष्य का रूप धारण किया और इस धरती पर अवतार श्रीकृष्ण के रूप में लिया। उन्होंने मानवता रूपी बुराइयों को दूर करने के लिए मानवीय रूप धारण किया। हिंदू महाकाव्य श्रीकृष्ण के वीर कृत्यों से भरे हुए हैं। वह हिंदुओं की सबसे लोकप्रिय धार्मिक पुस्तक, भगवद गीता के लेखक हैं।
अनुष्ठान और उत्सव:
दही हांडी की परंपरा:
श्री कृष्ण और भगवद गीता
श्रीकृष्ण का परामर्श चुना।
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