Hypothermia Treatment, Protection and Symptoms - हाइपोथर्मिया क्या है

हाइपोथर्मिया क्या है – What is Hypothermia

What is Hypothermia Treatment :- सर्दियों में हाइपोथर्मिया ,उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दमा तथा दिल के दौरे के कारण हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है, विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में ना केवल तेज ठंड से उत्पन्न हाइपोथर्मिया के कारण बल्कि उच्च रक्तचाप, दिल के दौरे, दमा और मधुमेह के कारण असामयिक मौत की घटनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं।  हमारे देश में हर साल ऐसी मौतों की संख्या लाखों में होती है।

 

हाइपोथर्मिया (Hypothermia) का खतरा 1 साल से कम उम्र के बच्चों तथा बुजुर्गों को बहुत अधिक होता है, अनुमान है, कि जब कभी भी तापमान सामान्य से 1 डिग्री सेल्सियस घटता है, तब 8000 बच्चे और बुजुर्ग मौत के हवाले हो जाते हैं।



 

कैसे होता है Hypothermia

हाइपोथर्मिया (Hypothermia) के कारण मौत का शिकार होने वालों में ज्यादातर लोग मानसिक रोगी, दुर्घटना में घायल लोग, मधुमेह हाइपोथायरायड (Hypothermia), ब्रोंकोनिमोनिया और दिल के मरीज तथा शराब का अधिक सेवन करने वाले होते हैं। (Most of the victims of death due to hypothermia are mental patients, people injured in accidents, diabetic hypothyroid, bronchimonia and heart patients and alcohol drinkers.)

 

बेघर लोगों तथा ठंड से बचाव के सुविधाओं से वंचित लोगों को हाइपोथर्मिया (Hypothermia) से मौत का खतरा अधिक होता है, पर्वतारोही को अत्यधिक ठंड से प्रभावित होने का खतरा अधिक होता है, लेकिन आमतौर पर पर्वतारोही ऐसी आपात स्थिति की तैयारी करके पर्वतारोहण करते हैं।

 

 

विभिन्न अध्ययनों एवं आंकड़ों के अनुसार हाइपोथर्मिया के से होने वाले करीब 50% मौतें 64 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में होती हैं।  बुजुर्गों को कम उम्र के लोगों की तुलना में हाइपोथर्मिया (Hypothermia) से पीड़ित होने की आशंका बहुत अधिक होती है, क्योंकि ठंड से बचाव के शरीर की अपनी प्रणाली उम्र के साथ कमजोर पड़ती जाती है , इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ सब क्यूटेन इयर्स वसा में कमी आ जाती है।  और ठंड को सहन करने की क्षमता भी घट जाती है, इसके अलावा शरीर की ताप नियंत्रण प्रणाली भी कमजोर पड़ जाती है।

 

Read This :- वजन कैसे घटाए 




जाड़े के दिनों में मधुमेह और हृदय रोगियों के लिए खतरा अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि ठंड के कारण एनजाइना रक्तचाप और शुगर बढ़ने की आशंका अधिक होती है, ठंडी के असर के कारण शरीर का तापमान अत्यधिक गिर जाने पर हाइपोथर्मिया (Hypothermia) की स्थिति उत्पन्न होती है, ठंड के संपर्क में लंबे समय तक रहने से कम ठंड होने पर भी हाइपोथर्मिया (Hypothermia) उत्पन्न हो सकता है।

 

हमारे शरीर में ठंड से बचाव के प्राकृतिक प्रणाली काम करती है, जिसके तहत ठंड के संपर्क में आते ही त्वचा तक रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है, ताकि और अधिक ताप रुक जाए बचाओ किस प्रणाली के तहत शरीर में गर्माहट लाने के लिए स्वता कपकपी शुरू हो जाती है, और खास हार मोनू का उत्सर्जन होने लगता है , लेकिन अधिक ठंड में या सुरक्षा प्रणाली आमतौर पर विफल हो जाती है।  अगर ऐसे में शरीर से ताप 6 को तत्काल रोका नहीं जाए, तो शरीर के में गर्माहट लाने के उपाय नहीं किए जाएं तो मौत हो सकती है।

 

हाइपोथर्मिया के लक्षण – Hypothermia Treatment and Symptoms

  कंपकंपी, लड़खड़ाहट और घबराहट हल्के हार हाइपोथर्मिया के लक्षण हैं, जबकि अत्यंत तेज कम  कंपकंपी  और कंपकंपी का अचानक बंद हो जाना, श्वसन में कमी आ जाना ,दिल की धड़कन , और नब्ज का धीमा चलना ,और कुछ भी नहीं सोच पाना। आदि मध्यम हाइपोथर्मिया (Hypothermia Symptoms) के लक्षण हैं, अति हाइपोथर्मिया की स्थिति में कम कभी बंद हो जाती है, मरीज बेहोश हो जाता है, स्वसन या तो अत्यंत धीमा हो जाता है, या बंद हो जाता है, तथा नब्ज या तो अनियमित हो जाती है , या चलनी बंद हो जाती है।

हाइपोथर्मिया के उपचार – Hypothermia Treatment

हाइपोथर्मिया होने पर तत्काल चिकित्सकीय सुविधाओं की जरूरत होती है, हाइपोथर्मिया (Hypothermia) होने पर मरीज को तत्काल सूखे एवं गर्म कपड़ों से लपेट देना चाहिए, ताकि शरीर से और अधिक ताप छह नहीं हो अगर दिल की धड़कन एवं नजर नहीं चल रही हो, तो तत्काल कार्डियोपल्मोनरी रेस्पिरेशन दिया जाना चाहिए, बार-बार गर्म पानी और मालिश के जरिए गर्मी पहुंचाने की कोशिश से परहेज करना चाहिए,  क्योंकि अगर यह गलत तरीके से किया गया, तो उसको गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, मरीज को अल्कोहल या निकोटीन नहीं देना चाहिए।

हाइपोथर्मिया से बचाव – Hypothermia Protection




हाइपोथर्मिया (Hypothermia) से बचने के लिए कई गर्म कपड़े पहनने चाहिए, खूब गर्म तरल का सेवन करना चाहिए, समय से भोजन करना चाहिए, लेकिन अल्कोहल से परहेज करना चाहिए, सर्दियों में कमरे को रूम हीटर या अन्य उपायों से गर्म करना चाहिए।

 

Read More

 

  1. Food Poisoning क्या है- कैसे होता है, और इसके उपाय क्या है
  2. Dysentery Meaning in Hindi – Symptoms, Treatment and Complication
  3. Cholera Disease – Symptoms, Vaccine, Treatment |  हैजा क्या है और इसको रोकने के उपाय
  4. What is Viral Fever, Malaria in Hindi – वायरल बुखार क्या है

Post a Comment

0 Comments