प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे - How to do First Aid at Home

प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे – How to do First Aid at Home

 

 हड्डी टूटने पर प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे

 

*  मरीज के शरीर के जिस भाग की हड्डी टूटी हो उस भाग को हिलाए बुलाए नहीं यदि को ले ले बस या पैर के ऊपरी हिस्से की हड्डी टूटी हो तो मरीज को बिल्कुल नहीं हिलाए बनाएं यदि मरीज को कहीं और ले जाना जरूरी हो तो सावधानीपूर्वक ले जाएं |

 

*   टूटी हुई हड्डी के नजदीक से खून निकल रहा हो तो उसे ना तो धोएं और ना ही उसकी सिकाई करें घाव के ऊपर साफ कपड़ा रखकर पट्टी बांधे |

 

*   टूटी हुई हड्डी को सीधा करने या उसकी स्थिति को बदलने को की कोशिश नहीं करें |




*   पैर या हाथ की टूटी हड्डी वाले हिस्से में लिंग या स्प्लेंडर बांधते हुए इतना समय टाइम बांधे की खून का बहाव ही रुक जाए |

 

 *   टूटे हुए अंग पर कभी मालिश ना करें |

 

*   पसलियों के टूटने पर अधिक पीड़ा होती है इसीलिए रोगी को स्थिर रखें |

 

*   जब हड्डियां टूटने के बाद चमड़ी से बाहर निकल आए तो घाव और बाहर निकली हुई हड्डी को सावधानी से उबले हुए पानी से साफ करें और उस पर साफ पट्टी बांधे |

 

 *  यदि हड्डी के टूटने की थोड़ी भी आशंका हो तो बिना समय गवाएं रोगी को सावधानीपूर्वक डॉक्टर के पास ले जाए|

 

जहर खा लेने पर प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे- First Aid at Home

 

*  जहर की पहचान करने की कोशिश ना करें यदि रोगी होश में हो तो उससे पूछा कि उसने क्या निकला है या सांस के जरिए लिया है यदि रोगी बता पाने में असमर्थ है या वह बताना नहीं चाह रहा हो तो घर में घरेलू कार्यों या पौधों के इस्तेमाल किए जाने वाले विषैले रसायन की तलाश करें |

 

*   तत्काल एंबुलेंस बुलाएंगे रोगी को स्वयं अस्पताल पहुंचाएं |




*   जब तक रोगी को अस्पताल ले जाने का इंतजाम नहीं होता जाता जब तक आप पॉइजन कंट्रोल सेंटर या डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों के अनुसार घर में ही रोगी की आपात चिकित्सा जारी रखें |

 

*   रोगी की सांस और नंबर की जांच करें यदि रोगी सांस नहीं ले रहा हो तो या उसकी नव जिया हृदय की धड़कन महसूस नहीं हो रही हूं तो रोगी को पीठ के बल लेटा दे उसका मुंह खोल कर अपने मुंह को उसके मुंह से सटाकर सांस छोड़ें और रोगी की छाती के ऊपर उठने की जांच करें ऐसा बार-बार करें |

 

 *   यदि डॉक्टर रोगी को उल्टी कराने के लिए कहता है तो रोगी को पानी या दूध पिलाकर या सक्रिय चारकोल देकर उल्टी करने के लिए प्रेरित करें लेकिन यदि डॉक्टर उल्टी कराने के लिए नहीं कहता या रोगी को जहर खाए एक घंटा से अधिक हो गया हो तो उल्टी कराने की कोशिश नहीं करें यदि डॉक्टर रोगी को कुछ खाने पीने से मना करता है तो उसे कुछ भी खाने पीने को ना दे जहर के लिए डिब्बे पर लिखे निर्देशों पर विश्वास नहीं करें |

 

*   यदि रोगी ने जहरीली गैस को ग्रहण किया तो उसे खुली हवा दे |

 

सांप के काटने पर प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे- First Aid at Home

सांप का काटना आमतौर पर एक गंभीर समस्या उत्पन्न करता है इसीलिए इसमें तत्काल चिकित्सक सहायता की जरूरत होती है लेकिन इस बात पर बल देने की जरूरत है कि सभी सांप जहरीले नहीं होते भारत के सांपों में सिर्फ चार मुख्य प्रकार के सांप नाग रसल वाइपर करत और सामान्य वैपर जहरीले होते हैं ज्यादातर मामलों में सांप का डर बहुत ज्यादा हो सकता है फिर भी इस मामले में किसी तरह का खतरा मोल नहीं लेना अधिक सुरक्षित है क्योंकि जहरीले सांप का काटना अक्सर घातक होता है |

 

           सांप काटने के बाद इसके लक्षण 15 से 30 मिनट के अंदर प्रकट हो जाते हैं कटी हुई जगह पर दर्द, चक्कर आना, जी मिचलाना , आवाज लड़काना, पसीना आना और मान नींद आना जैसे लक्षण प्रकट हो सकते हैं , नाग और करैत का जहर स्नायु तंत्र पर अपना असर  डालता है ,जबकि वाइपर का जहर खून पर असर डालता है ,और उसे जमने से रोकता है |

 

       नाग और करैत के काटने पर रोगी घूमने लगता है उसकी मांसपेशियों विशेष रूप में आंखों के आसपास की मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है रोगी को एक चीज की दो चीजें दिखाई दे सकती है उसे मांसपेशियों का लकवा भी मार सकता है और सांस रुकने के कारण मृत्यु भी हो सकती हैं |

 

 रसल वाइपर या स्केल्ड वाईपर के काटने पर रोगी को सिर दर्द और चक्कर आ जाता है, इसका जी मिश्रा सकता है ,और उल्टियां सकती है, खांसी के साथ खून आ सकता है, चमड़ी के नीचे से भी खून निकल सकता है अत्यधिक खून निकलने पर रोक बेहोश भी हो सकता है |

 

*   सांप काटे व्यक्ति को सांत्वना दें और उसे खुली जगह में रखें संभव हो तो कटी हुई जगह को रोगी के हृदय से नीचे रखें अगर आप सांप की पहचान कर सकते हैं तो उसकी पहचान करें |

 

*   तत्काल 1911 नंबर पर फोन करें या किसी अस्पताल के आपात कक्ष में फोन कर संबंध में सूचना देकर एंबुलेंस भेजने को कहें या रोगी को अस्पताल ले जाने की व्यवस्था करें |

 

*  जब तक रोगी को अस्पताल ले जाने का इंतजाम नहीं हो जाता आप घर में ही रोगी की आपात चिकित्सा जारी रखें |

 

*    रोगी के साथ और नवी की जांच करते रहें यदि रोगी सांस नहीं ले रहा हो या उसकी नब्ज या हृदय की धड़कन महसूस नहीं हो रही हो तो रोगी को पीठ के बल लिटा दें उसके मुंह खोलकर अपने मुंह से उसके मुंह में सटाकर सांस छोड़ें और रोगी की छाती के ऊपर उठने की जांच करें ऐसा बार-बार करें |

 

*    यदि सांप ने हाथ या पैर में कांटा है तो उस जगह से थोड़ा ऊपर एक बैंड बांदे बैंड इतना टाइट बांधे कि उसके अंदर आपकी एक उंगली आ सके हर एक या 2 मिनट पर बैंड को थोड़ा ढीला करें और फिर थोड़ा कर दें ऐसा 15 से 30 मिनट तक करें यदि सूजन बैंड तक पहुंच गई हो तो बैंड को वहां से खोलकर कुछ इंच ऊपर बांधे यदि आपको लगता है कि कोरल सांप ने काटा है तो बैंड नहीं बांधे |




 *    यदि आपको पूरा विश्वास है काटने वाला सांप जहरीला था तो स्टेराइल रे जरिया ब्लड से सांप काटे हुए जगह को लंबाई में थोड़ा काट दे और जूसक पंप जा अपने मुंह से विश को चूसने की कोशिश करें और अपने मुंह के थ्रू को फेंक दें |

 

*   यदि सांप ने सिर गले या धड़क में कांटा हो उस जगह को नहीं काटे यदि कोरल सांप ने काटा हो या आपके मुंह में कोई घाव हो तो विश को नहीं चूसे |

 

*   सांप काटे जगह को साबुन और पानी से हल्के हाथों से धो दें और उस जगह को सूखा रखें |

 

*   कटी हुई जगह के नजदीक से देवरिया कपड़े हटाने |

 

*   उस जगह पर साफ कपड़े की पट्टी बांधे (First Aid at Home)|

 

*   वहां होने वाली एलर्जी की प्रतिक्रिया पर निगरानी रखें |

 

*   रोगी को चलने नहीं दें |

 

*   रोगी को लिटा कर रखें लेकिन सोने नहीं दे|

बेहोशी होने पर प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे- First Aid at Home

 

 नशा सिर की चोट प्रभात जहर मधुमेह दर अधिक गर्मी आघात दिल का दौरा गर्मी मिर्गी आज बेहोशी के सामान्य कारण हैं यदि कोई व्यक्ति अचानक बेहोश हो गया हो और आप उसकी बेहोशी का कारण नहीं जानते हो तो आपने उनके चीजों की जांच करें |

 

*   जागृति ठीक तरह से सांस ले रहा है या नहीं यदि उसकी सांसे धीमी चल रही हो तो उसे अपने मुंह से सांस दें |

 

*   यदि उसके शरीर के किसी हिस्से से खून बह रहा है तू खून को बंद करने की कोशिश करें|

 

*  यदि उसकी नब्ज तेज चल रही हो तो उसे इस प्रकार लेटा है कि उसका सिर्फ पाव की अपेक्षा नहीं चाहो उसके कपड़े ढीले कर दें |

 

*   यदि उसे तेज बुखार है तो उसे छाया में लिटा कर उसके सिर को पांव की अपेक्षा ऊंचा रखें और उसके शरीर पर ठंडा पानी डालें |

 

*   फिर उसके गले में कुछ अटका हो तो उसे निकाल दें

 

*   बेहोश व्यक्ति को मुंह के रास्ते कुछ खाने पीने को ना दें |

 

*   यदि व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो तो उसे तब तक नहीं लाडला अथवा उसकी गर्दन या कमर को ना मोड़े जब तक कि वह स्वयं होश में ना आ जाए |

 

*   यदि आपको उसे कहीं ले जाना हो तो उसे अत्यंत सावधानी पूर्वक उठाएं क्योंकि अगर गर्दन या कमर की हड्डी टूटी होगी तो उसे थोड़ा सा ही हिलाने से बहुत ज्यादा हानि हो सकती (First Aid at Home)|

 

गले में कुछ फस जाने पर प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे- First Aid at Home




*   जब किसी व्यक्ति के गले में भोजन का अंश या कोई दूसरी चीज फस जाए और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो आप उस व्यक्ति के पीछे खड़े होकर उसकी कमर में अपनी दोनों बाहें डाल ले और उसके पेट पर दोनों हाथों को एक दूसरे में फंसा कर मुट्ठी बांध लें अब एक झटके के साथ उसके पेट को ऊपर की तरफ दबाए इससे उसके फेफड़ों की हवा अचानक बाहर निकलेगी और उसके गले में फंसी चीज भी गले से निकल जाएगी यदि एक बार में फंसी चीज बाहर ना निकले तो यही क्रिया बार-बार करें |

 

*    यदि बेहोश व्यक्ति आपस आपसे बड़ा या अधिक वजन का हो तो उसे पीठ के बल जमीन पर लेट आते उसके दोनों पैरों के दोनों तरफ अपने पैर रखकर बैठ जाएं और उसके पेट पर अपनी दोनों हथेली रखकर झटके के साथ जोर से ऊपर की ओर दबाए यदि एक बार में गले में फंसी चीज बाहर ना निकले तो बार-बार ऐसा करें |

 

*   यदि व्यक्ति ठीक तरीके से सांस नहीं ले पा रहा हो तो उसे अपने मुंह से सांस  दें (First Aid at Home) |

 

सांस रुक जाने पर प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे- First Aid at Home

 

सांस रुकने के आम कारण गले में कोई चीज फस जाना बेहोश व्यक्ति के गले में जी भैया बलगम का अटक जाना पानी में डूबना दुनिया शहर के कारण सांस घुटना छातियों सिर पर जोर की चोट लगना दिल का दौरा आदि|

 

*  यदि सांस रुकने के बाद 4 मिनट तक व्यक्ति दोबारा सांस लेना शुरु ना करे तो उसकी मृत्यु हो सकती है इसलिए व्यक्ति की सांस रुकने पर तुरंत मुख्य श्वसन क्रिया आरंभ करें |

 

*   यदि व्यक्ति के मुंह या गले में कोई चीज फंसी हो तो उसे तुरंत निकाल दे जीव को बाहर खींचे यदि गले में बलगम अटका हो तो उसे तुरंत हटाने की कोशिश करें और मुख शोषण आरंभ कर दें |

 

*    उंगलियों से उसके नाक को बंद करें उसके मुंह को खोलें और उसके मुंह पर अपना मुंह रखकर पूरे जोश के साथ उसके अंदर फूंक मारें ताकि हवा से उसकी छाती फूल जाए फिर एक क्षण के लिए अपना मुंह हटा कर उसके अंदर से हवा निकल जाने दें फिर दोबारा उसी तरह करें 1 मिनट में 15 सांसो की गति से या क्रिया जारी रखें नवजात शिशु के मामले में इस क्रिया की गति 257 सांस प्रति मिनट होनी चाहिए |

 

*   मुख्य संक्रिया तब तक जारी रखें जब तक व्यक्ति अपने आप सांस ना लेने लगे या यह सिद्ध ना हो जाए कि उसकी मृत्यु हो चुकी है कभी-कभी आपको यह क्रिया 1 घंटे तक भी करनी पड़ सकती है |

 

कटनी खरोच लगने पर प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे




*   पहले साबुन और पानी से अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं फिर उबले हुए पानी को ठंडा कर और साबुन से घाव को अच्छी तरह साफ करें घाव को साफ करते समय ध्यान रखें कि उसमें थोड़ी सी भी धूल ना रहने पाए यह दिखाओ छोटा है तो उस पर साफ पट्टी बांधी और टिटनेस का इंजेक्शन लगवा दें |

 

*   यदि घाव गहरा है और उससे खून का बहना रुक नहीं रहा है तो चोट वाले अंग को कोशिश को शरीर की अपेक्षा थोड़ा ऊपर उठाकर रखें किसी साफ कपड़े अथवा रुई से घाव को तब तक दबाकर रखें जब तक कि खून बहना बंद ना हो जाए |

 

*   यदि अधिक देर तक दबाने से भी खून रहना नहीं रुक रहा है और खून जरूरत से ज्यादा बह रहा है तो आप घाव को दबाए रखें और किसी व्यक्ति को शरीर और घाव के बीच वाह या टांग को जितने निकट से बांध सकते हैं बांधने के लिए कहें लेकिन इतना कस कर भी ना बांधे की बहाया टांग नहीं ली पढ़ने लगे बांधने के लिए पतली डोरी रसिया तार का इस्तेमाल ना करें बल्कि चौड़े कपड़े का इस्तेमाल करें खून का बहना रुक जाने पर बंधन खोल दें |

 

नकसीर होने पर प्राथमिक चिकित्सा घर पर कैसे करे

 

*  उंगलियों से ना आपको 10 मिनट तक  तब तक दबाए रखें जब तक नकसीर बंद ना हो जाए |

 

*   यदि फिर भी नकसीर बंद नहीं होती हो तो नाक के दोनों छिद्रों में रुई भरदे रुई का थोड़ा सा हिस्सा नाक के बाहर भी रहना चाहिए अपना को 10 मिनट या अधिक समय तक दबाए रखें नकसीर बंद होने के बाद भी कुछ घंटों तक रुई को नाक में ही रहने दें फिर उसे सावधानीपूर्वक निकाले |

 

*   नकसीर बंद होने के बाद ना को खर्च नहीं है नाक में जम गई खून की पपड़ी को खोजने की कोशिश नहीं करें इससे नकसीर दोबारा शुरू हो सकती हैं |

 

*   यदि किसी व्यक्ति को अक्सर नकसीर आती है तो नाक के दोनों छिद्रों में दिन में दो बार वैसलीन लगाएं|




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