Cholera Disease - Symptoms, Vaccine, Treatment | हैजा क्या है और इसको रोकने के उपाय

 हैजा- Cholera Disease

Cholera Disease – गंदे पानी से गर्मियों के दिनों में काफी तादाद में लोगों को बीमार और यहां तक की मौत का शिकार बनने वाली बीमारी है, जो अत्यंत संक्रमण रोग है। कॉलरा, ब्रिब्रियो नामक सूक्ष्म रोगाणु से होने वाले इस रोग के रोगी को बार-बार चावल के पानी की तरह के सफेद दस्त होते हैं और उल्टी होती है। रोगी के पेट में दर्द नहीं होता, दस्त और उल्टी के नहीं रुकने पर पेशाब का आना रुक जाता है।  रोगी की हालत खराब हो जाती है, और वह शॉक में चला जाता है। उसका शरीर ठंडा पड़ जाता है , और नब्ज तेज हो जाती है।  इसीलिए हैजा के लक्षण प्रकट होते ही इसका इलाज तुरंत करवाना चाहिए।




                        हैजा Cholera Disease की पहचान (Symptoms)

Cholera Disease की पहचान के लिए रोगी के मल अथवा उल्टी के नमूने की सूक्ष्मदर्शी से जांच की जाती है। यह रोग होने पर नमूने में, कॉमा की आकृति वाले कालरा ब्रिब्रियो जीवाणु दिखाई पड़ते हैं|  इसकी जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर लक्षणों के आधार पर ही इसकी पहचान कर इसका उपचार किया जा सकता है।

                    Cholera Disease के उपचार (Treatment)

 हैजा के इलाज के तौर पर रोगी की नसों में ग्लूकोज और  इलेक्ट्रोलाइट्स  लवण का पानी चढ़ाया जाता है। उल्टी बंद होने पर  O R S  का घोल दिया जाता है। इस रोग में टेटरासाइक्लिन और डॉक्सीसाइक्लिन दवा बहुत लाभदायक साबित होती है। रोगी का ठीक हो ना सब इस बात पर बहुत निर्भर करता है, कि इलाज कितना जल्द शुरू किया गया  चूंकि हैजे का फैलाव अत्यंत आक्रमण ढंग से होता है। इस कारण इससे मृत्यु भी बहुत अधिक होती हैं।



टेटरासाइक्लिन और डॉक्सीसाइक्लिन टैबलेट (Doxycycline 100 MG Tablet)

 

टेट्रासाइक्लिन नामक दवाओं के एक ग्रुप से संबंधित है, जो बैक्टीरिया के प्रोटीन को बनने से रोकते हैं और इसलिए बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं। इसका उपयोग बैक्टीरिया के इन्फेक्शन का इलाज करने के लिए किया जाता है, जिसमें हैजा, न्यूमोनिया, क्लैमाइडिया इन्फेक्शन, ब्रुसेलोसिस शामिल हैं।

 

आम दुष्प्रभावों में दस्त, एक लाल चकत्ते, मतली, उल्टी, ग्रिप के लक्षण, त्वचा की एलर्जी और एक सनबर्न का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्सीसाइक्लिन 100 एमजी टैबलेट (Doxycycline 100 MG Tablet) कैप्सूल में उपलब्ध है।  यह एक खाली पेट पर मुंह से लिया जाता है, .

 

भोजन से कम से कम 1 घंटे पहले या 2 घंटे बाद, आमतौर पर 1 या 2 बार हर रोज। इस दवा को लेते समय बहुत सारे तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है। यदि पेट खराब होता है, तो इसे भोजन के साथ लेने से मदद मिल सकती है।  हालांकि इसका प्रभाव थोड़ा कम हो सकता है। अपने डॉक्टरों के निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करें। आपकी खुराक आपकी चिकित्सा स्थिति, वजन, उम्र और उपचार की प्रतिक्रिया के आधार पर होगी। सर्वोत्तम प्रभाव के लिए, इस एंटीबायोटिक को समान रूप से दूरी पर ले जाएं।

                          Cholera Disease की रोकथाम (Prevention)

 इस रोग के बचाव के लिए आवश्यक है, कि जिस इलाके में हैजा फैला है , वहां आखिरी हैजाग्रस्त व्यक्ति के रोग होने के साथ से 10 दिन बाद तक इस इलाके के किसी व्यक्ति को अन्य स्थानों पर नहीं जाने देना चाहिए , और ना ही अन्य इलाके के लोगों को ही इस इलाके में आने देना चाहिए। क्योंकि पानी को विकसित करके पीना चाहिए और घर को साफ रखना चाहिए। मार्च अप्रैल के महीने में पहले से ही इसे रोकने के टीके लगवा लेना चाहिए। लोगों को स्वास्थ्य शिक्षा भी दी जानी चाहिए।




        यदि इन उपायों के बावजूद भी है ये फैले तो रोग के फैलाव को रोकने की कोशिश की जानी चाहिए।  किसी व्यक्ति में हैजा के लक्षण पाए जाने पर तुरंत इसकी सूचना स्वास्थ्य प्राधिकारी को देनी चाहिए।  रोगी को किसी प्रथम स्थान, वार्ड या अस्पताल में रखना चाहिए।  क्योंकि दस्त और उल्टी के कारण रोगी के शरीर से पानी और लवण अधिक मात्रा में बाहर आ जाता है।
इसीलिए इसकी पूर्ति ग्लूकोज और इलेक्ट्रोलाइट्स लवण का पानी नसों में चढ़ाकर की जानी चाहिए।  रोगी की टट्टी और उल्टी को आधा घंटा तक फिनायल में रखकर फेंकना चाहिए।  ताकि दूसरों में यह रोग  न फैल सके।  सबसे बेहतर तो यही है, कि रोग की एकाध घटना होने के पहले यह टीका लगवा लेना चाहिए।

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