Billion-Dollar शू कारपोरेशन –
नाइकी एक अमेरिकी मल्टीनेशनल कारपोरेशन है। जो संसार में जूतों और स्पोर्ट्सवियर का अग्रणी विक्रेता है। इसका मुख्यालय वाशिंगटन काउंटी अमेरिका में है। अमेरिका के अलावा 45 देशों में नाइटी के ऑफिस हैं। 700 से अधिक फैक्ट्रियों में इसके प्रोडक्ट बनते हैं। जिनमें से अधिकांश एशिया में है। 2011 में नाइकी ने 20.862 अरब डॉलर की बिक्री की, और इसे 2.13 3 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ।
यहां 38,000 कर्मचारी काम करते हैं। इंटर ब्रांड द्वारा 2011 में जारी बेस्ट ग्लोबल ब्रांड्स की सूची में नाइकी का नाम 25 वें स्थान पर है। और इसके ब्रांड नेम का मूल्य 14.528 अरब आंका गया है। नाइकी के प्रोडक्ट अमेरिका में लगभग 28,000 रिटेल स्टोर्स में बिकते हैं। अमेरिका के बाहर नाइकी के प्रोडक्ट 23,000 रिटेल स्टोर्स के माध्यम से 160 देशों में बिकते हैं। अमेरिका में नाइकी का सबसे बड़ा बाजार है। और यहीं पर कंपनी अपने 42% जूते तथा 62% अन्य सामान बेचती है। फील नाइट यहाँ के चेयरमैन है। और मार्क पार्कर सीईओ।
14.4 अरब डॉलर की संपत्ति :
आज billion-dollar कंपनी है। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब इसके संस्थापक फिल नाइट मैदान में बाहर खड़े होकर अपनी कार के जूते बेचते थे। इतनी छोटी शुरुआत से क्या हुआ कि जो आज भी संसार के अमीरों की फोर्स सूची में 47 वें स्थान पर हैं? और उनके पास 14.4 अरब डालर की संपत्ति है?
उन्हें इतनी भारी सफलता कैसे मिली? उनकी सफलता का क्या राज है? और उन्होंने नायक की को स्पोर्ट्स शूज तथा स्पोर्ट्सवेयर के क्षेत्र में शिखर पर कैसे पहुंचाया? नाइकी के सफलता के लिए कौन से मंत्र हैं? जिनकी बदौलत मात्र $1000 की पूंजी से शुरू हुई? यह कंपनी आज billion-dollar कंपनी बन चुकी हैं।
बचपन के सबक : फिल नाइट का जीवन परिचय
बचपन के सबक जीवन भर काम आते हैं। क्योंकि वही हमारे प्रवृत्तियों के बीच नजर आने लगते हैं। बचपन का जो सबक नाइकी के संस्थापक फिल नाइट ने सीखा। वह था आत्मनिर्भरता और खेल प्रेम । इसका एक उदाहरण देखें फिल नाइट ( जन्म 1938) के पिता विलियम डब्ल्यू नाइट और गेम और एगोन जनरल नामक अखबार प्रकाशित करते थे।
किशोरावस्था में फिल ने अपने पिता से कहा कि वे उनके अखबार में स्पोर्ट्स पेज पर काम करना चाहते हैं। उनके पिता ने कहा कि वह अपने दम पर काम खोजे फिर नाइट का मन पूरी तरह खेल में रमा हुआ था। नतीजा यह हुआ कि वे अपने पिता के प्रतिद्वंदी अखबार के स्पोर्ट्स पेज में नाइट शिफ्ट करने लगे। हर सुबह में हाँफते हुए घर लौटते थे। क्योंकि अखबार के ऑफिस से घर तक का 7 मेल का सफर वे दौड़ कर करते थे।
बचपन से ही नाइट की दौड़ने में रुचि थी। और वे यूनिवर्सिटी की एक टीम में भी थे। यूनिवर्सिटी में फिल नाइट ने एक मेल की दौड़ 4 मिनट 10 सेकेंड में पूरी की थी। तब कौन जानता था कि खेल के प्रति उनका यह जोश आगे चलकर उन्हें अरबपति बना देगा।
व्यवसाय का विचार : फिल नाइट का जीवन परिचय
1962 में स्टैनफोर्ड में एमबीए के एक सेमेस्टर में फिल नाइट को एक बिजनेस प्रोजेक्ट बनाने को दिया गया। 24 वर्षीय फिल नाइट का प्रोजेक्ट इस विचार पर आधारित था। कि जापान में जूते बनाकर अमेरिका में बेचने से काफी मुनाफा कमाया जा सकता है। फिर नाइट की सोच यह थी कि सस्ते श्रम और गुणवत्तापूर्ण समान की बदौलत अमेरिका में एडिडास तथा प्यूमा जैसी जर्मन कंपनियों का वर्चस्व समाप्त किया जा सकता है। बाद में इसी विचार के दम पर फिल नाइट में नाइकी जैसी विश्वव्यापी कंपनी की स्थापना कर दी।
विचार पर अमल : फिल नाइट का जीवन परिचय
विचार चाहे जितना मूल्यवान हो, वह तब तक निर्धन है। जब तक उस पर अमल न किया जाए। एमबीए करने के बाद 1962 में फिर नाइट दुनिया की सैर पर निकले। जापान में वेटिंग एथलेटिक शू बनाने वाली जापानी कंपनी ओनिट्सुका टाइगर के ऑफिस में पहुंचे, और वहां उन्होंने जूतों का ऑर्डर दे दिया। उनकी कंपनी का नाम पूछने पर उन्होंने एक मनगढ़ंत नाम ब्लू रिबन स्पोर्ट्स बता दिया।
जब जापानी कंपनी ने अपने जूते अमेरिका पहुंचाए तो फिर नाइट में ओरेगॉन यूनिवर्सिटी के कोच बिल बावरमैन को जूते दिखाए। बावरमैन की रुचि हल्के जूतों के निर्माण में थी। इसीलिए फिर नाइट की तरह ही उन्होंने भी ब्लू रिबन स्पोर्ट्स नामक कंपनी में $500 का निवेश कर दिया ।
शुरुआती संघर्ष : फिल नाइट का जीवन परिचय
फिर नाइट और बिल बावरमैन ने बीवर्टन, ओरेगॉन में 25 जनवरी 1964 को अपनी कंपनी शुरू कर दी। हालांकि इसका विधिवत गठन 1967 में हुआ। गौर करने वाली बात यह है, कि उन्होंने अपना कारोबार सिर्फ $1000 की पूंजी से शुरू किया था। जिसमें से 500 फुल नाइट ने लगाए थे। और 500 बिल बावरमैंने ने। वे कड़े संघर्ष के दिन थेे, उन दिनों फिर नाइट अपनी कार की डिक्की में जूते भर लेते थे। और एक गांव में खेल प्रतिस्पर्धाओं के समय मैदान के बाहर खड़े होकर उन्हें भेजते थे।
जरा कल्पना करें आज जो इंसान अरबपति है, वह कभी अपनी कार से जूते बेचा करता था। शुरुआती 200 जूते उन्होंने 3.$35 प्रति जोड़ी के भाव पर खरीदे, और 6.5 डॉलर के भाव पर बेचें। यानी उन्होंने 100% से अधिक लाभ कमाया। 1964 तक 1800 जोड़ी जूते बिक गए। और धंधा चल पड़ा।
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नाइट जूते बेचने के साथ-साथ एकाउंटेंट की नौकरी भी करते थे। लेकिन 1967 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी। बहरहाल जब उन्होंने पाया, कि जूते बेचने में पर्याप्त कमाई नहीं होतीी, तो वह पोलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी में एकाउंटिंग पढ़ाने लगे। जूते बेचने के लिए उन्होंने कुछ सेल्समैन नियुक्त किए। इनमें से अधिकतर फिल नाइट की तरह ही खेल प्रतिस्पर्धाओं के बाहर कार से जूते बेचते थे । अंततः बरसों की मेहनत रंग लाई, और 1971 में 45 कर्मचारियों ने कुल $2000000 के जूते बेच डालें।
गुणवत्ता पर जोर : फिल नाइट का जीवन परिचय
फुल नाइट की कंपनी का खुद का बनाया पहला जूता एक फुटबॉल शू था। ऐसा इसलिए क्योंकि ओनिट्सिका के साथ गैर प्रतिस्पर्धी अनुबंध के कारण वे कंपनी के प्रोडक्ट से प्रतिष्ठित प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते थे। क्योंकि ओनिट्सिका फुटबॉल शू नहीं बनाती थी। इसीलिए नाइट ने फुटबॉल शू उतार दिया। बहरहाल पहला जूता उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा । और फुटबॉल के मैदान की ठंडी बर्फीली परिस्थितियों में इसकी जांच नहीं हुई थी। इसीलिए यह उखड़ने तथा टूटने लगा ।
कंपनी की छवि सस्ते जूते की बन गई। लेकिन फिर नाइट ने ठान लिया, कि वह अपने जूतों की छवि गुणवत्तापूर्ण बनाएंगे। विल बावरमैन हमेशा उत्कृष्टता की तलाश में रहते थे। और अच्छे से अच्छे जूते बनाने की कोशिश करते थे। नाइट ने कहा है वह गुणवत्ता के बारे में वे बहुत सचेत थे। और उसकी गूंज आज तक यहां पर मौजूद है। बिल बावर मैंने कहा था। ईश्वर तय करता है, कि आप कितनी तेजी से भागते हैं। मैं तो सिर्फ जूतों के क्षेत्र में मदद कर सकता हूं।
सफलता की बुलंदी तक :
1970 में बिल बावर मैंने अपनी पत्नी के विफैल आइरन में पिघला हुआ रबर डालकर बेफल्स और तैयार किया। जो बहुत हल्का था। और फिर नाइट में जापानी कंपनी का डिस्ट्रीब्यूशन छोड़ दिया। और अपने खुद के जूते बनवाने लगे। जापानी कंपनी से करार भले ही खत्म हो गया हो।
लेकिन फिर नाइट जापानी संस्कृति से बड़े प्रभावित थे, और उनके ऑफिस में जाने वाले लोगों को अपने जूते बाहर उतार कर जाना पड़ता था। चाहे वह नाइटी के ही क्यों ना हो? 1980 तक नाइकी ने अमेरिका के रिलेटेड जूतों के 50% मार्केट शेयर पर कब्जा कर लिया, और इसी साल इसके शेयर स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो गए 1986 में फिल नाइट ने एडिडास से आगे पहुंचने का अपना सपना साकार कर लिया।
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