परीक्षा में फेल होने पर सहानुभूति पत्र (Sympathy Letter) | सहानुभूति पत्र कैसे लिखे

सहानुभूति पत्र- Sympathy Letter

व्यक्ति के जीवन में ऐसे कई अवसर आते हैं जब वह निराश होकर अपने मित्रों के साथ साथियों की सहानुभूति (How to write a letter of sympathy) का आशिक हो जाता है ऐसे अवसरों पर मित्र तथा सभी संपत्तियों का यह कर्तव्य हो जाता है कि वह उसके निराशा पूर्ण वातावरण में सांत्वना प्रदान करने के लिए उसे सहानुभूति पत्र भेजें इसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं।



परीक्षा में फेल होने पर सहानुभूति पत्र (Sympathy Letter)

 

पत्र लेखक का पता

दिनांक

 

प्रिय भाई रमेश

सप्रेम नमस्कार।

आज दैनिक समाचार पत्र में तुम्हारे परीक्षा का परिणाम छपा था। उसमें तुम्हारा नाम ना देखकर बेहद दुख हुआ। मैं समझता हूं कि दुख तो तुम्हें भी हुआ होगा। परंतु ऐसे अवसर जीवन में आते ही रहते हैं इसके लिए पश्चाताप करने की आवश्यकता नहीं है।

इस साल तुम्हारी सेहत भी ठीक नहीं रही थी। साल में पूरे 3 महीने बीमार ही बीमार में निकल गए थे। इस समय तुम्हारा मन दिल्ली में नहीं लग रहा हो तो कुछ दिनों के लिए तुम शिमला चले आओ। तुम्हारी भाभी तुम्हें याद करती है और तुम्हारा छोटा भतीजा भी।

तुम्हें खेलने के लिए खिलौना मिल जाएगा।

तुम्हारा शुभचिंतक

सुरेश

 

 

सहानुभूति पत्र (Sympathy Letter) के उत्तर में पत्र

 

आपका पता

दिनांक

 

आदरणीय भाई साहब

सादर प्रणाम

आपका पत्र प्राप्त हुआ परीक्षा में असफल होने का मुझे बहुत दुख हुआ। परंतु असफलता के सामने झुकने वाला मैं नहीं हूं। इस साल 3 महीने बीमार रहने पर भी मैंने परीक्षा में पहले अपनी सभी पुस्तकों का अध्ययन पूरी तरह से कर लिया था। परंतु दुर्भाग्यवश बीमारी ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा।

जो होना था सो हो गया मेरा मन वास्तव में इस समय यहां बिल्कुल नहीं लग रहा है। मैं कल शाम की ट्रेन से आपके पास आ रहा हूं। वहां भाभी जी परिवार बच्चों की उछाल कूद में हिल मिलकर अपने दुखी मन को सांत्वना दे सकूंगा।

भाभी जी को मेरा सादर नमस्कार कहना और बच्चों को प्यार।

आपका आज्ञाकारी

रमेश




 

स्कूल में फुटबॉल मैच में हारने पर (Sympathy Letter) पत्र

 

अपना पता

दिनांक

प्रिय मित्र बलदेव

मुझे पता चला है कि हमारे स्कूल की फुटबॉल टीम फाइनल मैच में एक गोल से हार गई। साथ ही मैंने यह भी सुना है कि तुमने उस दिन में जो चमत्कार दिखलाया उसे तुम्हारे सामने की टीम वाले दंग रह गए थे। मुझे भी टीम के हरने का दुःख है परंतु फिर भी कोई चिंता की बात नहीं। इस तरह के अवसर जीवन में कई बार आते हैं। मैं बीमार होने के कारण तुम्हारे साथ मैदान में नहीं उतर सका इसके लिए मुझे खेद है।

परंतु साथ ही तुम्हारी कुशलता पूर्वक खेल संचालन के विषय में सुनकर मुझे गर्व भी है।  तुम्हारी इस हार को  मैं तुम्हारी जीत मानता हूं।

आशा है कि तुम हतोत्साहित नहीं होगे और आगामी मैचों के लिए अपनी टीम को और भी उत्साह के साथ तैयार करोगे।

तुम्हारा साथी

राज




 

उत्तर में पत्र (Sympathy Letter)

अपना पता

दिनाक 

प्रिय राज

तुम्हारा पत्र प्राप्त हुआ। तुम्हारे अनुपस्थिति में मैंने अपने प्रयत्न द्वारा विद्यालय के टीम का खेल संचालित किया। और अपने अकेले प्रयत्न द्वारा किसी प्रकार टीम को फाइनल तक ले आया था। परंतु कल के मैच में अचानक मेरा पैर मुड़ जाने के कारण गेंद आगे निकल गई और मैं उसे रोक ना सका।

में आगामी टूर्नामेंट के लिए टीम को तैयार कर रहा हूं। आशा है इस समय तक तुम भी ठीक हो जाओगे।  तुम्हारे ना रहने से मैं फुटबॉल के खेल में एक पैर पर लगा खिलाड़ी रह जाता हूं।

ईश्वर करे तुम आगामी टूर्नामेंट की तिथि तक स्वस्थ होकर मैदान में उतर सकूं।  भगवान से यही प्रार्थना करता हूं।

तुम्हारा दोस्त

बलदेव




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