Why Mother's Milk is Important for Child - मां का दूध बच्चे के लिए क्यों है जरूरी

Why Mother’s Milk is Important for Child – मां का दूध बच्चे के लिए क्यों है जरूरी

 


मां बनने की तैयारियों में जुटी महिलाएं जरा गौर फरमाएं नवजात को 6 महीने तक संतान पान कराने से वह न सिर्फ बीमारियों से लड़ने में अधिक सक्षम बन पाएगा बल्कि उसकी आंत में मौजूद जीवाणुओं में एंटीबॉडी के खिलाफ प्रतिरोधक ताकत विकसित करने की आशंका भी घट जाएगी । फिनलैंड से हिलेंस्की यूनिवर्सिटी के अध्ययन में यह दावा किया गया है ।

 

गुड बैक्टीरिया बढ़ाने में कारगर

 


शोधकर्ताओं के मुताबिक मां के दूध (Mother’s milk) में मौजूद शर्करा गुड बैक्टीरिया की खुराक का काम करती है । यह बैक्टीरिया आंत में एंटीबायोटिक की काट विकसित कर लेने वाले जीवाणुओं यानी सुपरबग के उत्पादन पर लगाम लगाने के लिए जाने जाते हैं । स्वास्थ्य विशेषज्ञ एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस को आतंकवाद से बड़ा खतरा मानते हैं । उन्होंने मौजूदा एंटीबायोटिक के बेजा इस्तेमाल और नई एंटीबायोटिक दवाओं के निर्माण की बेहद धीमी रफ्तार को सुपरबग के विकास के मुख्य वजह करार दिया है ।

 

आंत में नहीं पनप पाते सुपरबग

 

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लगातार 8 महीने तक 16 महिलाओं और उनके नवजात के जेनेटिक गुणों का विश्लेषण किया । साथ ही मां के दूध से लेकर उनके और शिशु के मल के नमूनों की जांच भी की । उन्होंने पाया कि जो शिशु जन्म के शुरुआती महीनों में आहार के रूप में सिर्फ मां का दूध पीते हैं उनकी आंत में एंटीबायोटिक के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता रखने वाले जीवाणुओं की संख्या बेहद कम होती है । भारी तादाद में गुड बैक्टीरिया की मौजूदगी इसके लिए जिम्मेदार थी ।

 

 

Mother’s milk is important for गर्भावस्था में एंटीबायोटिक खतरनाक

 

शोधकर्ता कैटरीना पर्न के अनुसार शोध में देखा गया है कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था में एंटीबायोटिक की खुराक दी जाती है उनकी कोख में पैदा होने वाले बच्चों में एंटीबायोटिक रोधी जीन पनपने की आशंका ज्यादा रहती है । संक्रमण बढ़ने पर गर्भवती को एंटीबायोटिक देना अनिवार्य हो जाता है लेकिन डॉक्टर को इसकी मात्रा सीमित खुराक में समझाना चाहिए ।

 

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