वायुमंडल क्या है | What is the Atmosphere in hindi

वायुमंडल क्या है | What is the Atmosphere in hindi

 

पृथ्वी के ऊपर आकाशीय क्षेत्र को अनेक पतों में बाँटा गया है। जहाँ तक पृथ्वी के चारों ओर वायु का आवरण विद्यमान है उसे ही वायुमण्डल कहते हैं। इसी वायु मण्डल के कारण पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित रहता है क्योंकि यह सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणों और ऊष्मा को अपने भीतर समाहित कर लेता है। वायु मण्डल की ऊपरी सीमा पृथ्वी से लगभग 800 कि.मी. है

 

वायु मण्डल के निम्नलिखित विभाग हैं –

 

1) बहिर्मण्डल (Exosphere) : बाह्य आवरण में केवल हाइड्रोजन और हीलियम गैस ही होती हैं। इनके कण बहुत दूर – दूर होते हैं और सैकड़ों कि.मी. तक आपस में टकराते नहीं हैं।

 

2) ऊष्ण – मण्डल (Thermosphere ); इस आवरण में वायु की मात्रा बहुत कम होती है और ऊष्णता बहुत अधिक होती है। यहाँ तापमान 15 सौ डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है। यह आवरण 350 से लेकर 800 कि. मी. के बीच में होता है।

 

3) मध्य मण्डल (Mesosphere): यह मण्डल ऊष्ण मण्डल और स्ट्रेटोस्फीयर के मध्य में पड़ता है और स्ट्रेटोस्फीयर से 80 – 85 कि.मी. ऊपर होता है। इस मण्डल में ऊँचाई के साथ तापमान गिरता है और यह सबसे ठंडा क्षेत्र है यहाँ – 85 से 100 डिग्री तक तापमान रहता है।

 

4) समताप मण्डल (Stratosphere): यह ट्रोपोस्फीयर और मध्य मण्डल के बीच स्थित है जो ट्रोपोस्फीयर की सीमा से 51 कि. मी. ऊँचा है। इस मण्डल जैसे जैसे ऊँचाई पर जाते हैं वैसे- वैसे तापमान बढ़ता है क्योंकि यहाँ ओजोन की पर्त द्वारा सूर्य की गर्मी को आत्मसात् कर लिया जाता है।

 

5) क्षोभ मण्डल (Troposphere) : यह पृथ्वी तल से ऊपर का मण्डल होता है। जिसकी सीमा ध्रुवों पर 9 कि. मी. और भूमध्य रेखा पर 17 कि. मी. होती है। यह भाग पृथ्वी की गर्मी के कारण ऊष्ण होता है इसलिए जैसे – जैसे ऊचाई पर जाते हैं वैसे – वैसे तापमान कम होता जाता है। इस मण्डल में वायु का दबाव बहुत अधिक अर्थात् कुल दबाव का 80 प्रतिशत होता है।

 

वायु मण्डल की अन्य पर्ते

 

ओजोन पर्त : यह पर्त स्ट्रेटोस्फीयर के अन्तर्गत 15 से 35 कि. मी. के बीच होती है। यह पर्त सूर्य की ऊष्मा को अपने अन्दर समाहित कर लेती है। इनके अतिरिक्त अन्य पतें हैं- आयोनोस्फीयर पर्त, होमोस्फीयर पर्त, हैट्रोस्फीयर पर्त, आदि।


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