अंगूर खाने के स्वास्थ्य के लिये चमत्कारी फायदे || Grapes Benefit For Health
अंगूर खाने के स्वास्थ्य के लिये चमत्कारी फायदे || Grapes Benefit For Health |
विशुध्द ग्लूकोज होने के कारण लोगों की निर्मलता दूर करने में अंगूर बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। शरीर के विभिन्न और ह्रदय के सामान्य रूप से काम करते रहने के लिए ऊर्जा की अत्यंत आवश्यकता होती है। शरीर में इसका रस सरलता पूर्वक कब्ज जो हो जाने के कारण लोगों में जल्दी बिमारी दूर होने में सहायता मिलती है। इससे रक्त की कमी दूर होती है।
1) कब्ज
कब्ज सभी के लिए बहुत हानिकारक है अंगूर के नियंत्रक प्रयोग करते रहने से कब्ज प्राकृतिक रूप से दूर हो जाती है । छोटे बच्चों को एक या दो चम्मच अंगूर का रस देने से उनका पेट साफ रहता है।
2) ह्रदय रोगों में:-
हृदय रोगियों के लिए अंगूर बहुत लाभदायक फल है। ह्रदय रोगी जिस समय दर्द अनुभव करता है, और धड़कन बढ़ जाती हैं, उस समय अंगूर खिलाने अथवा रस पिलाने से बहुत लाभ होता है। इससे रोग पर जल्दी काबू पाया जा सकता है।
3) गुर्दे के रोग में:-
गुर्दे के रोग में उन वस्तुओं से लाभ होता है। जिनसे खून आता है, अंगूर में पोटेशियम और नमी की मात्रा अधिक होने के कारण अंगूर खाने से पेशाब खुलकर आता है। इसका निरंतर भोजन के रूप में प्रयोग करने से गुर्दे और आमाशय की पथरी में आराम मिलता है, अंगूर के पत्तों को अच्छी तरह से पीस और छानकर थोड़ा पानी मिलाने से गुर्दे के दर्द में आराम मिलता है,। प्रतिदिन 50 ग्राम के लगभग अंगूर खाते हैं, रहने से व्यक्ति जुखाम से बचा रहता है।
4) पित्त ज्वर में :-
पित्त ज्वर के कारण जब रोगी अत्यधिक कमजोर हो जाए तो उसे अंगूर का रस थोड़ी थोड़ी देर बाद पिलाते रहने से उसकी शारीरिक शक्ति पुनः लौट आती है ।अंगूर ना मिलने की स्थिति में 20 ग्राम दाल 2 घंटे तक पानी में भिगोकर चबा कर खाने और उसके बाद उचित मात्रा में दूध पीने से ज्वर की दुर्बलता समाप्त होती है।
5) सिर दर्द में:-
किसी भी प्रकार के सिर दर्द में अंगूर का रस पीने से लाभ होता है।
6) नशा दूर करने के लिए:-
प्रायः सभी जानते हैं, कि संसार में बढ़िया से बढ़िया शराब अंगूर से बनती है। इसका अर्थ यही है, कि अंगूर में विशुद्ध मात्रा में अल्कोहल होती है। शराब पीने वाले व्यक्ति को जिस समय शराब पीने की इच्छा हो उस समय उसे अंगूर खाने के लिए देते रहने से नशा करने की आदत छूट जाती है।
7) प्रमुख औषधि
बीज वाले अंगूर से ही दाख बनती है, जिसकी गिनती सूखे फलों में होती है आयुर्वेद की एक प्रमुख औषधि द्राक्षारिष्ट है। जो पेट से संबंधित अनेक रोगों को दूर करने के अतिरिक्त शरीर को बल प्रदान करती है। भूख बढ़ाती है।
9) दांतों के रोग में:-
अंगूर से धातु की बीमारियों में भी लाभ होता है। यह तो कुछ सप्ताह तक अंगूर को भोजन के रूप में प्रयोग किया जाए तो दांतो की जड़े मजबूत होती हैं और दांतों में पस आना बंद हो जाता है।
10) पथ्य के रूप में:-
कुछ लोगों में पूर्णतया खुराक के रूप में अंगूर का प्रयोग करते रहने से अनेक रोगों को ठीक करने की सहायता मिलती है। इन दिनों केवल अंगूर अथवा उसके रस आदि का प्रयोग किया जाता है।
इसका पाचक और मल शोधक प्रभाव अनेक रोगों के लिए अत्यधिक लाभदायक सिद्ध हुआ। अंगूर से पेट की आंतों को बल मिलता है। और पुराना कब्ज भी सफलतापूर्वक समाप्त हो जाता है।भोजन के रूप में केवल अंगूर अथवा उसके रस का प्रयोग 5 से 6 सप्ताह तक अंगूर के मौसम में करना ठीक रहता है। पेट ठीक रहने और कब्ज दूर होने से अपच और अरुचि स्वतः समाप्त हो जाती है।
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