बादाम खाने के चमत्कारी फायदे || बादाम खाने के औषधि गुण || Amazing Health Benefits of Eating Almond Everyday
बादाम खाने के चमत्कारी फायदे अपनी मीठी और पौष्टिक गिरी के कारण फलों का राजा माना जाता है। इसे खाने का सबसे अच्छा तरीका यह है, कि इसे कुछ घंटे पानी में भिगोकर छिलका उतारकर प्रयोग में लाया जाए या फिर रगड़ कर चटनी सी बनाकर।
बादाम खाने के चमत्कारी फायदे || बादाम खाने के औषधि गुण |
बहुत प्राचीन काल से बादाम का वृक्ष अपने सुंदर फूलों पर और गिरी के लिए पैदा किया जा रहा है। बादाम अपनी मीठी और पौष्टिक गिरी के कारण फलों का राजा माना जाता है। बादाम की लकड़ी बहुत ही महत्वपूर्ण और सुंदर साज-सज्जा की चीजें बनाने के काम में आती है। यहूदी लोगों का देवता बादाम की लकड़ी का डंडा सदैव अपने हाथ में रखता था। जिसे जादू का डंडा माना जाता है। यहूदी लोग आज भी अपने धार्मिक अवसरों पर बादाम के फूलों का उपयोग करते हैं।
यो तो बादाम का वृक्ष किसी भी नमी और गर्मी वाले वातावरण में पैदा हो सकता है। परंतु संसार में सबसे अधिक बादाम का उत्पादन कैलिफोर्निया दक्षिणी फ्रांस और स्पेन में होता है। भारत में कश्मीर आदि स्थानों पर इसकी फसल होती है।
बादाम का वृक्ष 20 फुट की ऊंचाई से अधिक नहीं होता। जिस समय इस वृक्ष पर बाहर आती है। तब यह गुठली वाला फल पैदा होता है। बादाम की विशेषता यह है, कि कच्चा बादाम खाने के काम आता है। परंतु इस कच्ची गिरी में इतने पौष्टिक तत्व नहीं होते। जितने पूरी तरह पके हुए फल की सूखी गिरी में होते हैं।
बादाम का उपयोग अनेक रूपों में किया जाता है। जहां मीठा बादाम ज्यादा खाने और अन्य चीजें बनाने के काम में आता है। वहां कड़वे बादाम की गिरी से एक घातक क्षार का भी निर्माण किया जाता है। मीठे बादाम का तेल अनेक कामों में आता है। परंतु कड़वे बादाम की गिरी का तेल सौंदर्य प्रसाधन सामग्री में काम आता है।
बादाम की विशेषता यह है, कि इसमें सभी पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। कैल्शियम फास्फोरस प्रोटीन वसा कार्बोहाइड्रेट आदि पौष्टिक तत्व इसमें होते हैं। यह सभी शरीर की वृद्धि के लिए आवश्यक समझे जाते हैं। इससे जहां शरीर को बल मिलता है। व मस्तिष्क भी दृढ़ होता है।
मुख्य रूप से बादाम की 23 किसमें होती है। पहले बादाम का छिलका बहुत पतला होता है। और आसानी से टूट जाता है। और दूसरे बादाम का छिलका बहुत कठोर होता है। पतले छिलके वाला बादाम को कागजी और कठोर छिलके वाले बादाम को गोला बादाम कहते हैं।
इसे खाने का सबसे अच्छा तरीका यह है, कि इसे कुछ घंटे पानी में भिगोकर छिलका उतारकर प्रयोग में लाया जाए या फिर रगड़ कर चटनी सी बनाकर।
दिमागी कमजोरी
- अपनी शक्ति के अनुसार जितने बादाम खाने हो रात्रि को पानी में भिगो दें। प्रातः काल उन्हें छीलकर भली प्रकार पीसकर उनकी लुगदी बना लें। उसमें मक्खन और मिश्री मिलाकर कुछ समय तक खाने से दिमाग की दुर्बलता समाप्त होती है।
- दिमागी कमजोरी दूर करने के लिए दूसरा उपाय यह है, कि रात्रि के समय बादाम मिश्री और सौंफ मिलाकर बनाए मोटे चूर्ण को चबाकर खाने के बाद दूध पी लें। कुछ समय ऐसा करते रहने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। और आंखों की ज्योति का भी विकास होता है। छीले हुए बादामओं को पीसकर दूध में उबालकर पीने से भी दिमागी शक्ति बढ़ती है। इस प्रकार किसी भी तरह बादाम का उपयोग करने से स्मरण शक्ति के विकास के साथ-साथ आंखों की ज्योति भी सही अवस्था में आ जाती है।
शारीरिक दुर्बलता दूर करने के लिए सबसे अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है। बादाम में बसा सबसे अधिक होती है। वसा ग्रहण करने का सबसे अच्छा उपाय यह है, कि रात को भीगे हुए बादामो को प्रातः काल छिलका उतारकर भली प्रकार पीस लें। और उसमें आवश्यकता के अनुरूप पानी मिला दें। अत्यधिक गर्मी के दिनों में दूध में मिश्री अथवा चीनी मिलाकर पीने से लाभ होता है। सर्दियों अथवा बरसात के दिनों में निकाले गए मक्खन की तरह एक उबाल देकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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बादाम को रगड़ कर बनाए गए दूध से दही भी बनाया जा सकता है।
सामान्य दूध से निकाले गए मक्खन की तरह बादाम के दूध से भी आप मकान प्राप्त कर सकते हैं। शारीरिक दुर्बलताओं में भी व्यक्ति के लिए बादाम का दूध बहुत ही गुणकारी होता है। गाय, भैंस के दूध की अपेक्षा या दूध जल्दी हजम हो जाता है।
शारीरिक दुर्बलता दूर करने के लिए
भिगोए हुए बादाम की गिरी को छीलकर प्रातकाल पीस लें। किसी भी लुगदी को कढ़ाई में घी डालकर भूने। जब इस लुगदी का रंग भूरा होने लगे तो उसमें आवश्यकता के अनुसार दूध डालकर 1-2 उबाल आने दें। पीने लायक गर्म रहने की स्थिति में इसे पी लें। इससे शारीरिक दुर्बलता नष्ट होती है। शारीरिक कष्ट होता है। और मोटा होता है। इस प्रकार बादाम का प्रयोग करने वाले के लिए आवश्यक है। कि बादाम को हजम करने के लिए उचित परिश्रम करें व्यायाम अथवा योग आसन आदि द्वारा बादाम को पचाने का प्रयत्न करें।
वीर्य की कमी अथवा नपुंसकता
वीर्य की कमी अथवा नपुंसकता दूर करने और संभोग शक्ति बढ़ाने के लिए बादाम बहुत ही उपयोगी सिद्ध होता है। ऊपर बताए गए कुछ उपायों के अतिरिक्त भीगे हुए बादाम की गिरी को छीलकर भुने हुए छिलके रहित जनों के साथ खाने से वीर्य बढ़ता है। और नपुंसकता दूर होती है।
शरीर और पेशाब की जलन
गर्मियों के दिनों में जब भयंकर गर्मी पड़ रही हो और शरीर गर्मी से झुलस रहा हो उन दिनों प्रायः बादाम खसखस और गुलाब के फूलों को रगड़ कर ठंडाई बनाई जाती है। इसमें मिश्री मिलाकर पीने से तन मन को शांति प्राप्त होती है। धूप और गर्मी की परेशानी समाप्त होती है। शरीर में ताजगी आती है।
यदि गर्मी और धूप के कारण पेशाब में जलन अनुभव होती है, तो इस ठंडाई में 5 से 7 छोटी इलायची भी पीसकर पीने से लाभ होता है।
शरीर का पतलापन
जिन बच्चों का शरीर बहुत दुबला पतला और कमजोर होता है। उन्हें बादाम पीसकर मक्खन और मिश्री मिलाकर खिलाने से अथवा डबल रोटी पर जैम की तरह रगड़ कर खाने से लाभ होता है। दुर्बल शरीर वाले व्यक्तियों के लिए यह बहुत अच्छा नाश्ता सिद्ध हो सकता है। मक्खन और बादाम खाने के बाद थोड़ा गर्म दूध पीना अति आवश्यक है। इससे शरीर जहां मोटा होगा, उससे शारीरिक कमजोरी भी दूर होगी। और स्मरण शक्ति का भी विकास होगा।
तुतलाहट
जो बच्चे बोलने के समय तुतलाते हैं। उनके लिए पिसे हुए बादाम और मक्खन मिलाकर दिन में दो या तीन बार पिलाने से उनका तुतलाना और हकलाना ठीक हो जाता है। थोड़ा उत्साहित करने पर उनकी बोलने की घबराहट भी दूर हो जाती है।
304 बादाम की गिरीयों के साथ तीन से चार काली मिर्च पीसकर मिलाकर चाटने से भी तुतलाना बंद हो जाता है।
स्मरण शक्ति बढ़ती है।
काली मिर्च बादाम आदि को भी में डालकर उसमें एक चम्मच चीनी डालें। और उससे गर्म करके नीचे उतार ले ठंडा होने पर थोड़ा-थोड़ा चबाकर खाने से जहां तक लाना ठीक होता है। वही नेत्र ज्योति को भी बहुत लाभ होता है। और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
पुराना कब्ज
बादाम कब्ज दूर करने के लिए भी बहुत उपयोगी सिद्ध होता है। रात को सोने से पूर्व अपनी शक्ति के अनुरूप 8 से 10 बादाम चबा कर खाने और ऊपर से गर्म दूध अथवा गर्म पानी पीने से प्रातः काल मल साफ हो जाता है। कुछ लोगों के लिए बादाम हजम करना कठिन सिद्ध हो सकता है। ऐसे व्यक्तियों को चाहिए कि वे बादाम की गिरी यों के बजाय रात्रि में गर्म दूध में बादाम का तेल मिलाकर पिएं। इससे उनकी आंखों को बल मिलेगा। और कुछ ही दिनों में उनका कब्ज समाप्त हो जाएगा। बादाम या बादाम का तेल दूध में मिलाकर पीने से अनिद्रा रोग दूर होता है।
त्वचा संबंधी रोग
एग्जीमा आदि त्वचा रोगों में बादाम के वृक्ष के पत्ते पानी में भली प्रकार पीसकर रोग वाले स्थान पर लगाने से आराम आता है।
श्वास संबंधी रोग कष्ट
स्वास्थ्य संबंधी कष्ट में जिसमें गले में खराश और थोड़ी थोड़ी खांसी आती हो बादाम के चोर को संतरे अथवा नींबू के रस में मिलाकर देने से लाभ होता है यदि इसमें एक चम्मच अदरक का रस मिलाकर दिन में तीन बार दिया जाए तो इससे कुकर खांसी और दमे के रोगी को भी लाभ होता है।
रक्त की कमी
रक्त की कमी वाले रोगियों को किसी भी रूप में बादाम खिलाने से रक्त की कमी दूर होती है। रक्त की कमी वाले रोगियों के लिए खाद्य के रूप में बादाम दवा का काम करता है।
सौंदर्य प्रसाधन
बादाम का अनेक रूपों में सौंदर्य प्रसाधन के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
- भीगे हुए बादाम की गिरी को प्रातः काल छीलकर पीस लें। उसमें थोड़ा गुलाब जल और चंदन का इत्र मिलाकर चेहरे और शरीर पर दिन में दो से तीन बार लगाएं। ये लगाने से दाग धब्बे और झाइयां समाप्त होती हैं।
- जिन व्यक्तियों के चेहरे पर चेचक के निशान बन जाते हैं। उन्हें बादाम रगड़ कर पिलाने से और पिसे हुए बादाम को पेस्ट के रूप में गुलाब जल मिलाकर चेचक वाले स्थान पर लगाने से कुछ ही दिन में चेचक के निशान समाप्त होने लगते हैं।
- कील मुहांसों के बादाम के पत्ते पीसकर उस स्थान पर लगाने से कील मुंहासे समाप्त हो जाते हैं। बादाम के छिलके को भली प्रकार पीसकर पानी में घोलकर कील मुहांसों पर लगाने से आराम होता है।
- शरीर में जहां कहीं भी सूजन हो वहां बादाम का तेल लगाने से दर्द और सूजन कम हो जाती है।
- कुछ लोगों का विश्वास है, कि पीलिया में भी बादाम छोटी इलायची और 1-2 छुहारे बारीक पीसकर पिलाने से रोग में लाभ होता है।
- रोगी को मक्खन में मिश्री मिलाकर प्रातकाल चटाने से एक-दो दिन में मूत्र खुल कर आने लगता है।।
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