दांतो में होने वाले रोग और उनके घरेलु उपचार | Dental Diseases and Their Home Remedies

दांतो के रोग और उपचार:- दांत शरीर का एक ऐसा अंग है। जो आपके व्यक्तित्व के आकर्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब आप बात करते हैं, मुस्कुराते हैं, या हंसते हैं, खिलखिलाते हैं,  तो दुग्ध धवल मोतियों जैसे दांतों की पंक्ति आपके सौंदर्य में चार चांद लगा देती है। किंतु यदि आपके दांत गंदे तथा सांस दुर्गंधयुक्त है, तो इससे अधिक अप्रिय और कुछ नहीं है।

 अधिकांश व्यक्ति शीघ्रता से दांतो की आधी अधूरी सफाई करके संतुष्ट हो जाते हैं। इसी लापरवाही का परिणाम होता है- दांतो की अनेक समस्याएं। अतः श्रेयस्कर यही होगा कि प्रतिदिन दातों की भली भाँति सफाई की जाए।दांतो से संबंधित तीन समस्याएं मुख्य हैं- दांतों में सड़न, मसूड़ों में दर्द सूजन, दंतशूल तथा दांतों से खून का रिसना।

 दांतों में सड़न अलग अलग तरह की  करता है

 दांतो पर कीटाणुओं द्वारा निर्मित सफेद पपड़ी अर्थात् प्लॉक  ही दांतों में सड़न का कारण है। यह दांतों में इर्द-गिर्द बीच में तथा मसूड़ों के नीचे बनता है। दांतों को सड़ने से बचाने के लिए निम्नलिखित घरेलू उपचार करें।
  • 20 बूंद लहसुन का रस एक चम्मच शहद में मिलाकर चाटने से दांतों की सड़न दर्द एवं बदबू दूर होती है।
  • एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच अदरक का रस और थोड़ा सा नमक मिलाकर घूंट भरें 15 मिनट मुंह में रखने के बाद उसे पी जाएं। दांतो की सड़न मसूड़ों की सूजन और बदबू समाप्त हो जाएगी।
  • अपामार्ग की जड़ और खदिर की छाल पीसकर थोड़े से पानी में उबालें। इस पानी को ठंडा करके नियमित रूप से कुल्ले करके से दांतो की सड़न दूर होती है।

दांतो के रोगो में – दंतशूल क्या है

दांतों और मसूड़ों के शोथ या गलन होने से जड़ के पास कुछ जगह खाली हो जाती है। बाद में खाते पीते समय दांत पर दबाव पड़ने से पीड़ा होती है। इसके लिए ये उपचार करें।
  • पके हुए अनन्नास का रस रुई के फाहे से लगाने पर दंतसूल नष्ट होता है।
  • अकरकरा को पीसकर छानकर नौसादर तथा अफीम 1-1 रत्ती और कपूर आधी रत्ती मिलाकर दांतों के बीच खाली स्थान में भरने से दंतसूल नष्ट होता है।
  • विजय सार के पत्तों को सुखाकर पीस लें। और सरसों के तेल में मिलाकर लगाएं। इससे भी दंतसूल शीघ्र नष्ट होता है।
  • ज्वार के दानों को जलाकर राख बना लें। फिर सेंधा नमक पीसकर दानों की राख को मिलाकर दांतों पर मलने से उनका हिलना व दर्द शीघ्र ही कम हो जाता है।
  • अकरकरा का चूर्ण बनाकर किसी कपड़े से छानकर दांतों पर मलने से भी दंतशूल नष्ट होता है।

मसूड़ों का दर्द दांतो के रोग का प्रमुख कारण है

 मसूड़ों का दर्द सूजन दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय करने चाहिए-
  • राई और सरसों के तेल में बारीक नमक मिलाकर मंजन करने से दांत तथा मसूड़े मजबूत होते हैं। इससे दांतों व मसूड़ों के दर्द में आराम भी मिलता है।
  • मसूड़े के दर्द में हल्दी के टुकड़े मुंह में डालकर चूसें।
  • दाढ़ के दर्द में नमक मिले अदरक के टुकड़ो को चूसना लाभदायक होता है।
  • मसूड़े की सूजन होने पर हरा पुदीना पानी में उबाल लें और उस पानी के कुल्ले करें तत्काल आराम मिलता है।
  • पानी में मेथी उबालकर उसके कुल्ले करने से मसूढ़ों को आराम मिलता है।
  • दांत के दर्द और मसूड़ों की सूजन में होने पर लहसुन को पीसकर उससे धीरे-धीरे मालिश करने से आराम मिलता है।

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  • प्याज के रस को मसूड़ों पर मलने से मसूढ़ों की सूजन कम होती है।
  • यदि भुने सुहागे के साथ कालीमिर्च पीसकर मसूड़ों के घाव पर लगाया जाए, तो मसूड़े जल्दी ठीक हो जाते हैं।
  • फिटकरी के पानी से कुल्ला करके करने पर मसूड़ो से खून आना बंद हो जाता है। दांत मजबूत होते हैं। और कीड़े मर जाते हैं।
  • दांतो के दर्द में तुलसी के ताजा पत्ते तथा काली मिर्च पीसकर दांतों के नीचे रखने से दांत का दर्द जाता रहता है।
  • दांत या दाढ़ के में कीड़े लग जाने से छेद हो जाते हैं। तो उस छेद में कपूर का टुकड़ा रखने से दाढ़ दांत के कीड़े मर जाते हैं। दर्द खत्म हो जाता है।

 कमजोर दांत और  मसूड़े

 कमजोर दांत व मसूड़ों को मजबूत बनाने के लिए निम्नलिखित उपचार करें-
  • मेथी के दाने उबालकर पानी को दांतो पर मले कमजोर दांत मजबूत होंगे। और दातों में से बाय का पानी निकल जाएगा। दर्द शांत हो जाएगा।
  • मूली में भरपूर कैल्शियम होता है। इसीलिए मूली के नियमित प्रयोग से कमजोर दांतो को खूब मजबूती मिलती हैं।
  • तेजपात के पत्तों का चूर्ण मसूड़ों पर मलने से कमजोर दांत और मसूड़े मजबूत होते हैं। इससे दर्द भी दूर होता है।
  • यदि दांत-मसूड़े कमजोर हो और उनमें से रक्त  बहता हो, तो मेहंदी के पत्तों को उबाल ठंडा कर उसके कुल्ले करें। मसूड़े के दांत मजबूत होते हैं।

दांतो में पायरिया के उपचार

 पायरिया दांतो का सबसे हानिकारक रोग है। इसमें मसूड़ों के छोटे-छोटे छिद्र में पीब निकलता है।  प्रतिदिन दातों की सफाई न करने से अन्य कणों में फंसकर सड़न उत्पन्न करते हैं। फलस्वरूप अम्लीय अंश की उत्पत्ति में मसूड़ों में शोथ हो जाता है। और पीब निकलने लगती है।
 अधिकांश रोगियों में पायरिया की तीन अवस्थाएं देखने में आती हैं।
प्रथम अवस्था में मसूड़ों में हल्का सा शोथ उत्पन्न होता है। दबाने से दर्द होता है। और ब्रश या दातुन करने से रक्त निकलने लगता है। धीरे-धीरे दातों पर महल की परत जमने लगती है। कुछ दिनों बाद उनके किनारों पर मसूड़ों के पास पीब निकलने लगती हैं। थोड़े से दबाव या आघात से भी रक्त निकलने लगता है। हर समय अरुचि बनी रहती है।

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रोग की दूसरी अवस्था में– दंत मूल का शोथ बढ़ जाता है। मसूड़ों में रोग ग्रस्त होने से दांतो की शक्ति क्षीण हो जाती है। और दांत हिलने लगते हैं। ऐसे में मसूड़ों से रक्त के साथ पीब निकलने लगती है। पीठ के उधर में जाने से पाचन क्रिया विकृत होती है। और शरीर में विभिन्न रोगों की उत्पत्ति होती हैं।
तीसरी अवस्था में रोग अधिक उग्र रूप धारण कर लेता है।  अधिक पीब के उदर में पहुंचने से अनेक विकार उत्पन्न होते हैं। रोगी को आमाशय, ज्वर नेत्र रोग अग्निमांद्य और संधि शूल आदि रोग हो सकते हैं।

दांतो के रोग के ये उपचार करने चाहिए।

  • दिन में तीन चार बार नीम की पत्तियां पानी में उबालकर खुले करें इससे दांतो की गंदगी साफ होती है पीर के जीवाणु नष्ट होते हैं। तथा मसूड़ों का शोध ठीक हो जाता है।
  • पोटेशियम परमैंगनेट पानी में मिलाकर कुल्ले करने से तथा नीम का तेल बनाकर मसूड़ों पर लगाने और कुछ देर लार टपका कर गुनगुने जल में कुल्ले करने पर मसूड़ों में लगे जीवाणु नष्ट होते हैं। पीब कम होती है।
  • सिरके में पानी को मिलाकर यह जामुन की छाल का कॉथ बनाकर प्रतिदिन तीन या चार बार कुल्ले करने से पेड़ से होने वाली गंदगी नष्ट हो जाती है।
  • आंवला जलाकर उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर सरसों के तेल के साथ मंजन करने से पायरिया रोग दूर हो जाता है।
  • इलायची, लोंग और खस के तेल को मिलाकर दांतों पर मलने से पायरिया ठीक होकर मुख की दुर्गंध दूर होती है।
  • फिटकरी मिला हुआ सुहागा और सेंधा नमक तीनों को महीन पीसकर नित्य प्रति इस चूर्ण का मंजन करने से बढ़ा हुआ पायरिया भी नष्ट हो जाता है।

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  • 30 ग्राम नमक एक मासा पोटेशियम परमैंगनेट एवं 20 ग्राम माजूफल का चूर्ण बनाकर रोजाना मंजन करने से पायरिया नष्ट होता है।
  • कत्था मौलसिरी की छाल नीम की छाल और सेंधा नमक सभी का संभाग लेकर कूट पीसकर कपड़छन कर ले। इससे मंजन करने से पायरिया ठीक हो जाता है।
  • सेंधा नमक काली मिर्च और तंबाकू की पत्तियों का संभाग लेकर कूट पीसकर कपड़छन  कर लें। इस चूर्ण से मंजन करने पर या इसे सरसों के तेल में मिलाकर रगड़ने से दांतों के सभी रोग दूर हो जाते हैं।
  • तुलसी के पत्ते, बीज, फूल, छाल, जड़ तथा सुपारी व बादाम के छिलके 50-50 ग्राम कालीमिर्च कपूर लोंग और फिटकरी 5-5 ग्राम मुलेठी, पिपरिया मूल एवं कथा 10- 10 ग्राम लेकर सभी को मिला दें। फिर कूट पीसकर कपड़छन कर लें। इस मंजन से पायरिया जाता रहेगा, और दांतों का हिलना तथा अन्य दंत रोग नष्ट हो जाएंगे।

 दांतों का हिलना

 दांतों के हिलने पर निम्नलिखित उपचार किए जा सकते हैं-
  • सेंधा नमक और राई के तेल को सुबह एवं रात में भोजन के बाद दांतों पर मलने से दांत का हिलना रुक जाता है।
  • 10 ग्राम लोंग एवं 1 ग्राम सेंधा नमक को पीसकर दांतों पर मलने से दांत का हिलना ठीक हो जाता है।
  • तुलसी और चमेली के पत्तों को चबाने से दांतों का हिलना बंद हो जाता है।
  • पीपल की छाल का चूर्ण बनाकर दांतों पर मलें कुछ देर बाद गर्म एवं ठंडे पानी से बार-बार कुल्ले करने से दांतों का हिलना रुक जाता है।
  • बकुलादि के तेल को दांतों पर मलने से दांत का हिलना कुछ दिनों में बंद हो जाता है।
  • नागरमोथा, हरण त्रिकूट बायविडंग 1-1 भाग तथा नीम की हरी पत्ती दो भाग लेकर पीस लें। तत्पश्चात गौ-मूत्र के साथ इनकी गोलियां बनाए। एक-एक गोली सुबह शाम मुख में रखने से दांतों का हिलना रुक जाता है।
  •  मौलशिरी की दातुन का मुलायम ब्रश बनाकर उससे दांत साफ करने से दांत का हिलना धीरे-धीरे रुक जाता है।

 



 

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