How to Fight Disease With Balanced Diet - संतुलित आहार के साथ रोगों से कैसे लड़ें

How to Fight Disease With Balanced Diet – संतुलित आहार के साथ रोगों से कैसे लड़ें

 

Balanced Diet :- कहा जाता है, कि  स्वस्थ शरीर (Healthy Body) में ही स्वस्थ मन का वास होता है , और स्वास्थ्य शरीर के लिए पौष्टिक एवं संतुलित आहार का नियमित सेवन अत्यंत आवश्यक है|  हालांकि गरीबी पौष्टिकता का सबसे बड़ा दुश्मन है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अमीर लोग पौष्टिक एवं संतुलित आहार ग्रहण करते हैं, आहार के बारे में अज्ञानता एवं अशिक्षा के कारण हमारे देश में अमीरों के बीच भी असंतुलित आहार समस्या व्याप्त है, जिसके कारण अमीर लोग भी आहार से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त रहते हैं |

 

आज जब यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हो चुका है, कि आहार का रोग से सीधा संबंध है | हमें अपने आहार के बारे में जागरूक रहना आवश्यक हो गया है  |

 

मानव शरीर को किन चीजों की जरुरत होती है – What things does the Human Body need

 

Balanced Diet :- मानव शरीर सबसे जटिल और सुंदर मशीन है, इस मशीन को लगातार कार्य करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है | और यह ऊर्जा आहार से ही प्राप्त होती है|  इस आहार के बगैर कोई भी व्यक्ति अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकता है , जिस प्रकार इंजन को सुचारू रूप से चलाने के लिए  ऊर्जा और तेलों की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार शरीर को सक्रिय रखने के लिए कार्बोहाइड्रेट वसा प्रोटीन रेशे, विटामिन खनिज और सूक्ष्म पौष्टिक पदार्थों की आवश्यकता होती है, इनमें से प्रत्येक का शरीर के लिए विशेष कार्य होता है |

 

कार्बोहाइड्रेट और वसा शक्ति और ईंधन के लिए जैसे शरीर के तत्वों को जोड़ने के लिए चर्बी शरीर के एंजाइम और शक्ति के भंडारण के लिए तथा प्रोटीन तत्व और शरीर के विकास के लिए आवश्यक है| शरीर प्रोटीन के कुछ तत्वों को अपने आप नहीं बना पाता,   इसलिए इन्हें बाहर से लेने की आवश्यकता पड़ती है | इनके अलावा लोहा, कैल्शियम, फास्फोरस , जिंक , मैगज़ीन विटामिन ए, बी, सी, डी, ई,   जैसे खनिज पदार्थ लवण और जल को भी आहार माना जा सकता है , तथा यह हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है

 

एक दिन में कितना प्रोटीन लेना चाहिए – How Much Protein Should be Taken in a day




इनमें से किसी एक की कमी से शरीर रोग ग्रस्त हो जाता है| गर्भवती महिलाओं स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बढ़ते बच्चों को ज्यादा आहार की जरूरत होती है, एथलीटों एवं खिलाड़ियों को भी अधिक ऊर्जा की जरूरत होती है, इसीलिए इन्हें भी अधिक आहार लेना चाहिए|  इसके विपरीत मोटे और अधिक वजन वाले व्यक्तियों को कम आहार का सेवन करना चाहिए | व्यक्ति की आयु का दौर लिंग के अनुसार उसका वजन 45 से 80 किलो ग्राम होना चाहिए| और उसके अनुसार ही उसे प्रतिदिन 1600  से  3500 कैलोरी   ईंधन की आवश्यकता होती है | इसमें से 20 से 30 ग्राम वर्षा 40 से 70 ग्राम प्रोटीन और 400 से 500 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होना चाहिए |

 

पौष्टिक आहार की कमी – Nutritional Deficiency

 

नवजात शिशु के लिए मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार होता है| लेकिन उसमें लोहे की कमी  होती है| जिसे बाहर से बूंद द्वारा देकर पूरा किया जा सकता है| मां का दूध बच्चों को दीवारों से लड़ने की शक्ति भी देता है |  विकासशील देशों में बच्चों में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण अतिसार या पेचिश है, जो शरीर में प्रोटीन और कैलोरी की कमी के कारण होता है , पोस्टिक आहार की कमी से शरीर में कीटाणुओं से लड़ने की शक्ति कम हो जाती हैं, पौष्टिक आहार की कमी अक्सर केवल एक पदार्थ की कमी से नहीं होती पौष्टिक आहार की कमी और इसके दुष्परिणाम कई तरह के होते हैं, जैसे भोजन की कमी से वयस्कों में भुखमरी, और बच्चों में कुपोषण हो जाता है, जबकि बहुत दिनों तक अधिक खुराक लेने पर मोटापा हो जाता है |

 

भोजन में प्रोटीन अथवा विटामिन की कमी – Lack of Protein or Vitamins in Food (Balanced Diet)




भोजन में प्रोटीन अथवा विटामिन की कमी जैसे असंतुलित भोजन से बच्चा रोगी हो सकता है |लोहा विटामिन डी , वसा, शराब जैसे पौष्टिक तत्व की अधिकता से  माइग्रेन दूध या गेहूं ना पचा पाने जैसे कई दुष्परिणाम हो सकते हैं |

 

कार्बोहाइड्रेट(Carbohydrate) :- आलू, चावल, मीठी वस्तुओं, के आदमी अधिक होता है | वसा या चर्बी, घी, मक्खन, तेल, आदि में अधिक होता है, प्रोटीन, दूध, पनीर, मांस, मछली ,मुर्गा, अंडा, दालें ,सब्जियां ,आदि में अधिक होता है | जबकि विटामिन और खनिज सब्जियां सलाद फलों आदि में अधिक होता है |

 

हरी सब्जियों और अमरूद:-  में लोहा दूध या दूध से बने पदार्थों में कैल्शियम, रसीले खट्टे फलों में विटामिन सी, गाजर और मूली में विटामिन ए केला में अमीनो एसिड  ट्रिप्टोफोन  जबकि सलादो में विटामिन बी की मात्रा अधिक होती है | यही कारण है, कि संतुलित भोजन (Balanced Diet) के लिए भिन्न-भिन्न खाद्य पदार्थ लेना आवश्यक है, अलग-अलग रोगों से पीड़ित रोगियों को चिकित्सक या आहार विशेषज्ञ उनके रोग के अनुसार ही भिन्न भिन्न किस्म के विटामिन लेने की सलाह देते हैं, उदाहरण के तौर पर खनिज जिन लोगों के शरीर में विटामिन की कमी होती है | उन्हें अधिक ऊर्जा वाला भोजन लेने को कहा जाता है | जबकि असंतुलित  भोजन लेने वाले व्यक्ति को प्रोटीन की अधिक मात्रा दी जाती है |

 

वसा (Fat):- ज्यादा वजन वाले मोटे व्यक्तियों को कम भोजन करने और  वसा तथा मिठाई नहीं खाने की सलाह दी जाती है, दिल की बीमारी और उच्च रक्तचाप के रोगियों को वसा के अलावा नमक का भी कम सेवन करना चाहिए | गुर्दे की बीमारी से पीड़ित लोगों के भोजन में प्रोटीन और पोटेशियम की मात्रा कम होने चाहिए, शाकाहारी लोगों को भिन्न-भिन्न प्रकार के भोजन लेना चाहिए, क्योंकि उदाहरण के तौर पर दालों में लाइसिन अमीनो एसिड अधिक होते हैं, जबकि मिथलोनिन की कमी होती है | जबकि गेहूं में मिथलोनिन अधिक और लाइसिन कम होते हैं | इसीलिए दोनों  भोजन एक दूसरे के पूरक होते हैं |




 

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