Dysmenorrhea Meaning, Treatment and Causes in Hindi
महिलाओं में मासिक चक्र के दौरान अत्यधिक पीड़ा होना या कभी पीड़ा होना, और कभी ना होना डिसमिनोरिया के लक्षण है `| मामूली देखभाल के उपरांत इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है | महिलाओं में आजकल अधिकांश पाए जाने वाले इस समस्या के संदर्भ में मुख्य विवरण प्रस्तुत है |
डिसमिनोरिया से अब क्या अभिप्राय है – Dysmenorrhea Meaning
महिलाओं के मासिक धर्म की प्रक्रिया में होने वाली अनियमितता व पीड़ादायक मासिक चक्र की डिसमिनोरिया नामक बीमारी के रूप में जाना जाता है। इस बीमारी के दौरान उठने वाला दर्द ही Dysmenorrhea बीमारी है। कभी-कभी यह दर्द इतना अधिक होता है, कि महिलाएं इसे सहन नहीं कर पाती और बेहोश तक हो जाती हैं। यह अधिकांशतया युवतियों में होता है।
डिसमिनोरिया पीड़ा का क्या कारण है – Dysmenorrhea Causes
यह दर्द कभी मेन्सेस की कमी या रुकावट की वजह से होता है | और कभी एक्सटर्नल ओवेसी में आई सूजन के कारण होता है |
मासिक धर्म की सामान्य अवधि क्या है ?
मासिक धर्म की सामान्य अवधि औसतन प्रथम दिन से शुरू होने के बाद 28 दिन की होती है। लेकिन कई युवतियों में यह विभिन्नता भी देखने को मिलती है। यदि किसी युवती में अन्य सभी बातें सामान्य है। तो मासिक धर्म में 7 दिन इधर या उधर अथवा नियमित रूप से यह अवधि 21 से 35 दिन तक सामान्य ही मानी जाती है।
यदि मासिक धर्म के दौरान पैदा ना हो तो बहुत कम अथवा बहुत अधिक नहीं हो तथा मासिक चक्र 22, 25, 29 अथवा 32 दिनों के मध्य में रहे तो युवतियों को चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। साधारणतया 3 से 5 दिन में संपन्न हो जाता है। इससे विषय पर स्थित विषम परिस्थितियों में योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य है।
Dysmenorrhea की शिकायत व्यक्तियों को क्या क्या सावधानियां बरतने की जरूरत है ?
जिन महिलाओं में डिसमैनरिया के लक्षण प्रकट होने चाहिए कि वह ठंडी वस्तुओं का सेवन ना करें। इस दौरान गर्म वस्तुओं का प्रयोग अत्यंत लाभप्रद सिद्ध होता है। ऐसी युवतियों को चाहिए कि वह कब्ज से बचें, खूब पानी पिए, व्यायाम पर ध्यान दें। तथा प्रातकाल ताजी हवा में टहलें। इस कष्टप्रद अवस्था से उबरने के लिए अंधाधुन या तथाकथित दवाइयों की गोली आपको टीकाराम का एहसास तो करा सकती है। लेकिन अंतत: वे नुकसानदायक भी सिद्ध होती हैं। कुछ महिलाएं इस संबंध में अनेक गलत अवधारणाएं पाल लेती हैं। तथा हार्मोन के इंजेक्शन या टेबलेट का अंधाधुंध प्रयोग करते हैं तो हानिकारक है, और इसका बेहिसाब प्रयोग कई बार कैंसर तक का सबब बन जाता है।
” आलिगोमिनोरिया” और ” मैनोरजिया” क्या है ?
यह भी मासिक चक्र में एक प्रकार की अनियमितता ही है इसमें कभी बहुत कम अथवा कभी बहुत अधिक मासिक स्राव हो सकता है। इससे महिलाओं के स्वभाव में क्रोध, चिड़चिड़ापन, बेचैनी ,उत्तेजना ,आदि आ जाती है। इन सब अवस्थाओं में लापरवाही या टालमटोल करना, बुद्धिमानी नहीं है | ऐसे में युवतियों को सही समय पर सही चिकित्सक से तत्काल परामर्श लेना व चिकित्सा कराना जरूरी है।
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