नींबू खाने के क्या क्या फायदे है यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है || Use Lemon for Health Benefits

नींबू खाने के क्या क्या फायदे है यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है || Use Lemon for Health Benefits



नींबू एक ऐसा फल है। जिसका प्रयोग हर मौसम में किया जा सकता है। और किया भी जाता है। नींबू खट्टे फलों में एक महत्वपूर्ण  स्वास्थ्यप्रद फल है। नींबू खाने के बहुत से फायदे है, नींबू के स्वरूप और इसके रंग आदि के संबंध में प्रायः सभी जानते हैं। परंतु मुख्य रूप से नींबू दो प्रकार का होता है। एक मोटे छिलके का और दूसरा चिकने पतले छिलके वाला। जिसे कागजी नींबू कहते हैं। पतले छिलके में रस की मात्रा अधिक होती है। दोनों प्रकार के नींबू में बीज होते हैं।

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नींबू खाने के क्या क्या फायदे है यह हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना फायदेमंद है


नींबू इतना महत्वपूर्ण और आवश्यक गुणों से युक्त फल है

नींबू इतना महत्वपूर्ण और आवश्यक गुणों से युक्त फल है। इसलिए इसके विषय में कुछ विशेष जानकारी कर लेना भी आवश्यक है। नींबू के वृक्ष की विशेषताएं यह है, कि यह एक सदाबहार वृक्ष है। इस पर पर आया जब फूल खिलने लगते हैं। तो उसके साथ ही फल भी पकने लगता है। अर्थात वृक्ष पर एक ही समय उसी टहनी पर फूलों की कलियां बनती है। और किसी टहनी पर फूल खिलने लगते हैं। और साथ की टहनी पर नींबू के पीले पीले फल पकने लगते हैं। नींबू के वृक्ष की एक विशेषता यह भी है। कि इस पर पूरे वर्ष भर फलों की बहार रहती है। परंतु इसके साथ यह भी देखा जाता है। कि वर्ष में किस फल किस काल के किसी काल में फल अधिक आते हैं। और किस काल में फल कम निकलते हैं। 

नींबू का वृक्ष ज्यादा ऊंचा नहीं होता। और संतरे के वृक्ष से अधिक सुंदर भी दिखाई नहीं देता। इसके सफेद फूल थोड़ा सा किनारे वर गुलाबी पर लिए होते हैं।  इसके फूल में हल्की सी महक होती है। नींबू के तेल का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में खुशबू के लिए काम में लाया जाता है। 

नींबू का छिलका अंदर से सफेद होता है। और बाहर से पीला अंदर के सफेद भाग में पेक्टिन नामक तत्व पाया जाता है।  यह जेलियो को कठोर करने के काम में लाया जाता है। वह कपड़ों की रंगाई और रंगों को पक्का करने के काम में आता है। 

जिस नींबू के वृक्ष पर अच्छे फल लगते हैं। पर आया वह बहुत कमजोर होता है। उसकी लकड़ी विशेष काम में नहीं आ सकती ।उसके लिए  प्रायः अपना भार संभालना भी कठिन सा होता है। इसलिए उसे खट्टी नारंगी के कठोर लकड़ी वाले वृक्ष पर कलम के रूप में लगाया जाता है। नींबू भारत के उत्तर पश्चिम भाग में अधिकता से पैदा होता है। 

नींबू का वृक्ष पर प्रायः 4 साल बाद फल देने लगता है ।नींबू वृक्ष जब अपना पूरा आकार ग्रहण कर लेता है। तो हरे रंग का होता है। उस समय वृक्ष से उसे तोड़ दिया जाता है। उसके बाद नींबू को अंधेरे नमी वाले परंतु जहां वायु का आवागमन ठीक ढंग से हो स्टोर करके रखा जाता है। नींबू की एक विशेषता यह है। या भी है। कि इस पर खरोच बड़ी जल्दी आ जाती है। इसलिए उसे विशेष ध्यान पूर्वक एक से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है। नींबू की दूसरी विशेषता यह है। कि यदि इसे ठीक से रखा जाए तो 6 महीने तक इसकी ताजगी बनी रहती है। 

विटामिन सी

नींबू में विद्यमान विटामिन सी और छार के कारण नींबू का औषधि के रूप में व्यापक प्रयोग होता है दाल सब्जी तथा सलाद आदि में नींबू का रस डालने से उनमें एक विशेष प्रकार की महक आती है और स्वाद में वृद्धि होती है उससे पांच तत्वों में वृद्धि होती है नींबू की विशेषता यह है कि यह प्रत्येक मौसम में दुष्प्रभाव को दूर करता है शरीर में विद्यमान विश दूर करने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जहां नींबू के रस में औषधीय गुड है वहीं इसके अन्य भागों का भी औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। 

पके हुए नींबू की छाल से तेल निकाला जाता है। इस तेल का अनेक औषधियों में उपयोग होता है। या अनेक पदार्थों में सुगंध बढ़ाने के लिए तथा अपच या गैस दूर करने के लिए अनेक रोगों में काम आता है। नींबू में विटामिन सी की अधिकता के कारण स्कर्वी रक्त की कमी शरीर के विभिन्न अंगों में ज्वर या पायरिया आदि दांतों के रोग कुकर खांसी दमा आदि रोगों में इससे लाभ होता है। विटामिन सी की अधिकता के कारण इसके प्रयोग से दांत और मसूड़े मजबूत रहते हैं।  मसूड़ों की सूजन दूर होती है। तथा दांतों का घिसना और उनमें मुखड़े आदि होना समाप्त हो जाता है। 

गले के रोग में नीबू खाने के फायदे

जिन व्यक्तियों को पराया जुकाम और खांसी रहती है। वह यह गुनगुने पानी में नींबू का रस निचोड़ कर उसमें शहद मिलाकर नियमित रूप से लेते रहे तो बार बार जुकाम और खांसी होना बंद हो जाता है। रात को सोते समय गर्म पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीने से भी लाभ होता है। 
* गले की सूजन और दर्द में यह गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर दिन में तीन बार गरारे करें तो गले के कष्ट दूर हो जाते हैं। 
* सांस और गैस की तकलीफ में आधा नींबू में एक नमक और काली मिर्च डालकर कोयले की आग अथवा गैस पर गरम करके घुसने से  तकलीफ दूर होती है। 
* अनेक प्रकार के ज्वर में जब मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है, उस समय गर्म किए हुए नींबू को चूसते रहने से लाभ होता है। 

विभिन्न ज्वर में नीबू खाने के फायदे

जिस समय ज्वर के रोगी को बार-बार प्यास लगती है। उस समय उसे यदि गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर पीने के लिए दिया जाए तो उसकी प्यास शांत हो जाती है। और हृदय की जलन समाप्त हो जाती है।  या पाचक रस का काम भी देता है। पानी में नींबू का रस देने से ज्वर का तापमान भी धीरे-धीरे कम हो जाता है। 
मलेरिया ज्वर में नींबू में नमक काली मिर्च भरकर गर्म करके चूसने से बुखार की गर्मी दूर हो जाती है। नींबू के छिलकों सहित नींबू का रस  500 ग्राम पानी में मिलाकर रात को उबालकर आधा रहने पर मिट्टी की  हांडी में रख दें।
प्रातः काल इसे पीने से मलेरिया आना बंद हो जाता है। पानी में नींबू निचोड़ कर स्वाद के अनुसार चीनी मिलाकर पीने से 4 दिन में मलेरिया आना बंद हो जाता है। शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द और हड्डियां टूटने सी लगती हो और नजला जुकाम और फ्लू होने पर गर्म पानी में नींबू का रस पीते रहने से इन रोगों से बचा जा सकता है। पानी में शहद भी मिला सकते हैं। 

किसी भी प्रकार के जुर्म में जब अधिक प्यास लगती है और शरीर के अंगों में दर्द हड्डियां टूटती अनुभव हो तो गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से रोगी को आराम मिलता है। जो एक के रोगियों को गर्म पानी में शहद मिलाकर भी दे सकते हैं। इससे उन्हें शक्ति प्राप्त होगी है। 

गठिया आदि दोष में नीबू खाने के फायदे

गठिया शरीर के जोड़ों में दर्द तथा इसी प्रकार की अन्य बीमारियों में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार नींबू का रस काफी मात्रा में लेने से जमा हुआ यूरिक एसिड समाप्त हो जाता है। और गठिया आदि से होने वाला दर्द समाप्त होने लगता है। जब तले हुए भोजन अथवा अधिक मसाले वाले मांस मछली आदि खाने से छाती में जलन अनुभव हो और जी घबराने लगे उस समय ताजे जल में नींबू निचोड़ कर घुट घुट करके पीने से फौरन लाभ होता है जलन और घबराहट बंद हो जाती है। 

मोटापा में नीबू खाने के फायदे

जो मोटे पर कि अपने शरीर की चर्बी जल्दी समाप्त करना चाहते हैं। उन्हें नींबू के प्रयोग से बहुत अधिक लाभ होता है नींबू का प्रयोग आरंभ करने से पूर्व 1 दिन पहले उन्हें उपवास रखना चाहिए। और जितना अधिक हो सके पानी पीना चाहिए। अगले दिन से ही उन्हें आधा कप नींबू का रस और उतना ही पानी मिलाकर दिन में कई बार पीना चाहिए। प्रारंभ के एक-दो दिन में रोगी को कमजोरी अथवा भूख अनुभव होगी परंतु धैर्य से काम लेने पर एक आध दिन में यह स्थित समाप्त हो जाएगी 1 महीने में लगभग यदि मोटे व्यक्ति नियम से दिन में तीन चार बार काफी मात्रा में नींबू का रस और पानी मिलाकर लेंगे तो धीरे-धीरे उनकी चर्बी घटने लगेगी ।और पेट छोटा हो जाएगा।

हैजा में नीबू खाने के फायदे

हैजा के दिनों में जब रोग अधिक फैल रहा हो तो गर्म पानी में नींबू का रस और नमक मिलाकर पीने से लाभ होगा हो सकता है। कि एक-दो बार नींबू का रस पिलाने से रोगी फिर उल्टियां करने लगे उस समय घबराने की आवश्यकता नहीं ।और गर्म पानी में नमक नींबू का रस और चीनी अथवा ग्लूकोज पिलाते रहें। पेट साफ हो जाने के कारण रोगी को आराम अनुभव होगा। 
हैजे के दिनों में नींबू के अचार का भी प्रयोग किया जा सकता है। इससे पित्त की शांति होती है। ऐसी स्थिति में नींबू और प्याज का रस तथा उसमें चीनी और थोड़ा पानी मिलाकर पीने से लोग शांत हो जाते हैं। उल्टी और दस्त अधिक हो जाने से जो पानी की कमी हो जाती है। उस समय नींबू का रस मिला पानी पीते रहने से पानी की कमी नहीं होती। 

पेट दर्द और भूख ना लगना में नीबू खाने के फायदे

* पेट दर्द में निंबू का रस 12 ग्राम की मात्रा में थोड़े गर्म पानी में अदरक का रस और शहद मिलाकर पीने से पेट दर्द में फ़ौरन आराम आ जाता है। 

* आधे नींबू को काटकर उसमें काला नमक और काली मिर्च डालकर गर्म करके चूसने से जहां पेट का दर्द ठीक हो जाता है। वही पेट के कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं। 
* अपच, भूख ना लगने और खट्टी डकार आने पर आधे गिलास पानी में एक नींबू निचोड़ कर कुछ दिन पीने से पेट का अजीर्ण दूर हो जाता है। भूख लगने लगती है, और खट्टी डकारें आनी बंद हो जाती है। 
* नींबू के रस में अदरक का रस और काला नमक मिलाकर पानी पीने से खट्टी डकार ए बंद हो जाती हैं। हृदय की जलन शांत हो जाती है। नियम से कुछ दिन पीते रहने से पेट साफ होने लगता है। और स्वाभाविक रूप से 
भूख बढ़ती है।

पेट के कीड़े दूर करने में नीबू खाने के फायदे

पेट में कीड़े होने से बच्चों के शरीर की वृद्धि रुक जाती है। और भोजन के पोषक तत्व उनके शरीर में जब भक्त नहीं होते। उन्हें किसी भी रूप में नींबू का रस देने से निश्चित रूप से लाभ होता है। 
पेट के कीड़े दूर करने के लिए नींबू के बीज को पीसकर चूर्ण बना लें। और बच्चे को एक चुटकी भर मात्रा हल्के गर्म पानी से दें।  रात को सोते समय थोड़े से दूध में 1 -2 छोटे चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर पीने से पेट के कीड़े एक-दो दिन में समाप्त हो जाते हैं।पेट में किसी भी प्रकार के कीड़े होने पर नींबू पानी पिलाते रहने से भी लाभ होता है। 

चक्कर में नीबू खाने के फायदे

पेट खराब होने से गैस उत्पन्न होती है। यह जगह सही ढंग से नष्ट ना हो और पेट से बाहर ना निकले तो वह दिल और दिमाग की तरफ बढ़ती हुई सिर चकराने का काम करती है। पेट में गैस बनाने का बनने का प्रमुख कारण पेट साफ ना होना हाथों में पुराना मल जमा होना और ऐसा भोजन करना है। जिससे गैस की मात्रा में वृद्धि होती है। उससे सिर चकराने लगता है। ऐसी हालत में एक कप गर्म पानी में आधे नींबू का रस निचोड़ कर पीने से लाभ होता है। या नींबू पानी खाने से पहले खाने के बीच में क्या खाने के बाद किसी भी समय ले सकते हैं। 


रक्त संचार संबंधी दोष

शरीर में रक्त संचार करने वाली नर्सों में जब कहीं सूजन आ जाती है। तो उससे रक्त संचार में बाधा पड़ती है। उसके कारण अनेक प्रकार के रक्त परिभ्रमण संबंधी दोष उत्पन्न होते हैं। हृदय दिनोंदिन कमजोर होने लगता है। इस स्थिति में नींबू में विद्यमान विटामिन बहुत लाभदायक सिद्ध होते हैं। यह विटामिन सी नींबू के रस और छिलके में भी होती है। इससे धमनियों की दुर्बलता भी दूर होती है। इसीलिए नींबू के इस विटामिन को उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक माना गया है। किसी भी रूप में नींबू के रस का नियमित रूप से सेवन करने वाला व्यक्ति रक्त संचार करने वाली धमनियों के रोगों से बचे रहते हैं इसका सीधा अर्थ है। उच्च 

रक्तचाप से बचाव में नीबू खाने के फायदे

नींबू के छिलके में भी वही गुण विद्यमान रहते हैं। जो उसके रस में रहते हैं। विटामिन डी के अतिरिक्त छिलके से तेल भी प्राप्त होता है। नींबू के छिलके का प्रयोग करने का सरल उपाय यह है,कि सब्जियों का रस अथवा सूप आदि बनाते समय छिलके का उपयोग किया जाए। साधारणतया नींबू के छिलके को बारीक बारीक काट कर उन्हें गर्म पानी में भिगो दें 1-2 घंटे बाद इस जल को खाना खाने के पहले अथवा खाना खाने के बाद प्रयोग किया जा सकता है। इससे भी धमनियों में रक्त संचार की व्यवस्था ठीक होती है। 

सौंदर्य वर्धक नीबू खाने के फायदे

सौंदर्य प्रसाधन सामग्री के रूप में नींबू को कई ढंग से प्रयोग में लाया जाता है। शरीर के अनेक भागों में तथा त्वचा पर चकत्ते पड़ जाते हैं। तब नींबू का प्रयोग कर सकते हैं कहानियों आदि पर जब मैं इकट्ठा हो जाता है। तब ऐसे स्थान पर नींबू का रस लगाने से कुछ दिन बाद चकत्ते हल्के पड़ जाते हैं। और त्वचा में निखार आ जाता है। 

कोहनियों पर नींबू रगड़ कर स्नान करने से कुछ ही दिन में कौन या साफ हो जाती हैं। अलग से काली नहीं दिखाई देती। स्नान करने से पूर्व हथेली पर नींबू रस की 8-10 बूंदे तथा 2-4 कतरे तिल के तेल के मिलाकर रगड़ने से मुंह की त्वचा को लाभ होता है। उसके बाद स्नान करने से त्वचा निखर जाती है। और कील मुंहासे आदि होने की संभावना समाप्त हो जाती है। 

हाथों की कोमलता 

घर की सफाई रसोई का काम और कपड़े आदि होने के बाद हाथों में एक विशेष प्रकार की खुश्की आ जाती है। अनेक प्रकार के पाउडर और साबुन तथा  फर्श साफ करने की कीटनाशक दवाइयां हाथों की त्वचा को रुक रुखा और कठोर बना देती है। घर का काम करने के बाद हथेली पर ग्लिसरीन की 4-5 बूंदों में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर हथेली और पूरे हाथ पर मलने से हाथ की त्वचा कोमल होती है। और हाथों और नाखूनों में एक विशेष आकर्षण पैदा होता है। 

कील मुंहासे

कील मुहांसों से नींबू का रस और ग्लिसरीन अथवा नारियल का तेल मिलाकर चेहरे पर धीरे-धीरे अमल कर कुछ देर छोड़ देना चाहिए। इसे रात को सोते समय भी प्रयोग कर सकते हैं। प्रातकाल हल्के गर्म पानी से चेहरे को धो देंह। कुछ दिन ऐसा करने से कील मुहासे समाप्त हो जाते हैं। चेहरे पर पड़े हुए दाग धब्बे और झाइयां भी समाप्त हो जाती हैं। 

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चेहरे का निखार

एक चम्मच दूध की मलाई लेकर इसमें नींबू के रस की 5-10 बूंदे मिलाकर भली प्रकार पेस्ट बनाकर चेहरे पर मलने से मुंहासे दूर होते हैं। और चेहरे पर एक प्रकार का सौंदर्य लगने लगता है। मलाई और नींबू का रस लगाने के बाद कुछ देर तक या पेस्ट चेहरे पर लगी रहने दें। आधे पौने घंटे बाद इसे धो दें। चेहरा कुछ ही दिन में निखर जाएगा ।और चेहरे की खुश्की समाप्त हो जाएगी। 
जिन लोगों के चेहरे की त्वचा में तैलीय अंश अधिक होता है। उन्हें केवल नींबू का रस चेहरे पर मसल कर कुछ देर बाद धो देना चाहिए। नींबू के रस में गुलाबजल समान मात्रा में मिला सकते हैं। 

रक्तशोधक

शरीर के सौंदर्य वर्धन के लिए रक्त का शुद्ध होना भी अत्यंत आवश्यक है। नींबू रक्त को शुद्ध करता है। त्वचा के दोषों को दूर करके उस पर सुंदरता का निखार लाता है। 


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संपूर्ण स्नान

नींबू का रस ग्लिसरीन और गुलाब जल तीनों समान मात्रा में लेकर रात को सोते समय चेहरे पर लगाएं। प्रातः काल स्नान करने वाले जेल में थोड़ा नींबू का रस अथवा डिटॉल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान करने से त्वचा कीटाणु रहित होती है। और शरीर सुंदर बनता है। इससे शरीर की खाज खुजली नष्ट होती है। यही है संपूर्ण 
स्नान। 

खुजली के लाभ

नींबू का रक्तशोधक गुण दाद खाज खुजली आदि में भी लाभदायक होता है। नींबू चूसने अथवा नींबू पानी पीने और नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर शरीर पर मालिश करने से कुछ शरीर की खुजली समाप्त हो जाती है। यदि त्वचा बार- बार-खुजलाने से उस पर दाने उभर आए हो। और खुजली अधिक होती हो ,तो नींबू के रस और नारियल के तेल को गर्म करके उसे स्थान पर लगाएं। नींबू में चुटकी भर फिटकिरी का चूर्ण डालकर खुजली वाले स्थान पर लगाने से भी लाभ होता है। 

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उबटन

जिन व्यक्तियों का शरीर खुर्द आना और खुश्क रहता है। उन्हें चाहिए कि दो चम्मच चने का आटा लेकर चुटकी भर हल्दी और दूध तथा नींबू का रस मिलाकर भली   प्रकार मथ लें।  नहाने से पूर्व शरीर पर उसकी मालिश करके 15 से 20 मिनट बाद स्नान करने से शरीर कोमल बनता है। मैंल आदि निकलने से शरीर में एक प्रकार का निखार और ताजगी आती है।  इस प्रकार नींबू शरीर की कोमलता और क्रांति बढ़ाने में सहायक होता है। 

शरीर के लिए शक्ति दायक

एक गिलास गर्म पानी में एक अथवा आदि नींबू का रस निचोड़ कर प्रातकाल पीने से पेट से मल निकलने में सहायता मिलती है। और कब्ज दूर होता है। इस प्रकार शरीर के अंग प्रत्यंग में एक नई शक्ति का अनुभव होता है। इससे शरीर में होने वाले दर्द दुर्बलता और मानसिक कमजोरी भी दूर होती है। इस जल में इच्छा के अनुसार थोड़ा नमक अथवा एक तो चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर के विष दूर होने लगते हैं। और शरीर में एक नई स्फूर्ति अनुभव होने लगती है।  पतले शरीर के व्यक्तियों को नींबू पानी में शहद मिलाकर लेना चाहिए। और मोटे अथवा चर्बी वाले लोगों को नमक मिलाकर पीना चाहिए। 

यात्रा के समय

बहुत से लोग जो पहली बार समुद्री अथवा हवाई या पहाड़ी यात्रा पर जाते हैं ।उनका जी घबराने लगता है। और वे उल्टियां करने लगते हैं। बहुत से यात्री नागरिक यातायात से संबंध बसों में यात्रा करते समय भी उल्टियां करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को चाहिए, कि वह यात्रा करते समय नींबू और नमक अपने साथ रखें। और यात्रा में धीरे-धीरे  उसे चूसते रहे। इससे उल्टियां और जी मिचलाना बंद हो जाता है। यात्रा में जी मिचलाने का कारण पेट की खराबी के साथ नई परिस्थितियां भी हैं। जिनसे व्यक्ति की तबीयत खबर आने लगती है। ऐसी स्थिति में नींबू बहुत सहायक सिद्ध होता है।।। 

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