हाथ पैरों में जलन के कारण और और घरेलू उपचार बताये || What is The Home Remedies for Burning Sensation in Hands and Legs

हाथ पैरों में जलन के कारण और और घरेलू उपचार बताये || What is The Home Remedies for Burning Sensation in Hands and Legs

Burning Sensation in Hands and Legs, हाथ पैरों में जलन के कारण, Health tips, घरेलू नुस्खे, Burning Sensation
What is The Home Remedies for Burning Sensation in Hands and Legs



भारत एक गर्म जलवायु प्रधान देश है आजकल के मौसम में आयुर्वेद मतानुसार हमारे शरीर का पित्र दोष कुपित होता है इसके कारण त्वचा गत कई रोग गर्मी के मौसम में उभरते हैं उनमें से ही एक शरीर में दहा यानी शरीर में हाथ पैरों में जलन यह रोग कुछ बदलते परिवेश का वातावरण के कारण कुछ गलत आहार-विहार के कारण होता है वातावरण की उस शांता के कारण पसीने के रूप में शरीर का जलीयांश काफी मात्रा में कम हो जाता है जिससे शरीर में हाथ पैर के तलवों में जलन होती है |

हाथ पैरों में जलन के प्रमुख कारण -आयुर्वेद के अनुसार जलन होने के साथ प्रमुख कारण है।


*शराब के सेवन से -शराब उष्ण,तीश्र्ण गूणयूक्त होने के कारण शरीर में स्थित  पित्र को दूषित कर लीवर कमजोर कर पूरे शरीर में उत्पन्न करती है ।

*पितृ दोष -पित्रज दाह  में शरीर के अंदर एवं त्वचा में भी तेज जलन की अनुभूति होती है अन्य लक्षण पर तेज बुखार के समान यानी उल्टी होना पतले दस्त मुंह सूखना में पसीना अधिक आना आदी।

* प्यास को रोकने पर -प्यास लगने पर भी पानी का सेवन न करने पर शरीर में जलन होती है शरीर में पानी का संतुलन और उसके परिणाम स्वरुप उनके नियंत्रण का कम पानी पीने से होता है शरीर पानी की मांग प्यास के रूप में करता है उस समय एवं विशेषक गर्मी के मौसम में पानी पीने को टालने से शरीर में रुक्षता और उष्णता बढ़ती है जिसकी प्रक्रिया स्वरूप शरीर में हाथ पैरों में जलन होती है।

Burning Sensation in Hands and Legs, हाथ पैरों में जलन के कारण, Health tips, घरेलू नुस्खे, Burning Sensation
 What is The Home Remedies for Burning Sensation in Hands and Legs


*शरीर के खून में ऊष्म  बढने से - हमारे शरीर स्थित रक्त में उसमें बढ़ जाने के कारण शरीर में जलन, तप जाना, प्यास, सर आंखें लाल हो जाना आदि लक्षणों के होने पर शरीर में जलन होती है।

* शरीर के धातु - पेशाब द्वारा शरीर की धातुएं निकल जाने से भी प्यास मुरझा में कमजोरी आदि के कारण शरीर में जलन होती है । 

Read These Post:-

*शरीर में नाजुक स्थानों में चोट लगने पर-  मनुष्य शरीर के नाजुक अंग है जैसे हृदय मूत्र स्थान नाभि शादी पर आघात लगने से जलन होती है।

इन विशेष परिस्थितियों के अलावा मौसम के प्रभाव में कारण शरीर में जलन होती है पूरे शरीर में जलन के साथ बुखार हथेलियों और पांव के तलवों की जलन पेशाब का प्रमाण घटना आदि कुछ लक्षण मिलते हैं।

हाथ पैरों में जलन दूर करने के उपाय


इनकी चिकित्सा ग्रीष्म ऋतु जन्य जलन से ताल्लूक  रखती है |

1)जलन दूर करने के लिए चंदन पानी के साथ घिसकर या गुलाब जल के साथ घिसकर शरीर पर लेप लगाएं।

2)कच्चे आम को भूनकर बनाया हुआ शरबत दिन में दो बार अवश्य है यह अति शीतिल होता है ।

3)धनिया और जीरा कूटकर उसका 100 ग्राम चूर्ण बना लें रोज एक चम्मच चूर्ण डेढ कप पानी में उबालकर सेवन करें ऐसा पानी दिन में तीन चार बार लेने से शरीर की जलन में पेशाब की जलन दूर होगी ।

4)खीरे के उतरे हुए तत्काल के छिलके हाथ पैर के तलवों पर तीन-चार बार मलने से जलन दूर हो जाएगी ।

5)इसके अलावा कुछ आयुर्वेदिक योग जो बाजार में उपलब्ध है जैसे शतावरी कल्क या चूर्ण एक या दो चम्मच ठंडे दूध या पानी के साथ ले सकते हैं । रसायन चूर्ण भी ले सकते हैं ।

6)कामक्षुधा रस सुते शेखर रस या प्रवाल भस्म हुए चंद्रकला रस भी लेने के शरीर का दाह जल्दी ही खत्म हो जाएगा

Post a Comment

0 Comments